भारतीय रिजर्व बैंक ने एक और बैंक का लाइसेंस किया रद्द, जमाकर्ताओं का पैसा फंसा, सिर्फ पांच लाख रुपये तक निकाल पाएंगे ग्राहक

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महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में स्थित वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद कर दिया गया है। रिजर्व बैंक ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। लाइसेंस रद करने को लेकर केन्द्रीय बैंक ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से अभी के जमाकर्ताओं का पूरा पैसा वापस नहीं कर पायेगा। सहकारी बैंक का लाइसेंस सोमवार को कारोबार समाप्त होने के बाद से रद माना जायेगा। इसके बाद सहकारी बैंक परिचालन नहीं कर सकेगा।

रिजर्व बैंक ने जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने को लेकर कहा कि पहले सहकारी बैंक का लाइसेंस रद करने और परिसमापन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। परिसमापन के बाद जमा बीमा एवं कर्ज गारंटी निगम से जमाकर्ता पांच लाख रुपये तक का जमा निकाल पाएंगे। ऐसे में सहकारी बैंक के 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता पूरी रकम वापस निकाल पाएंगे। 

उधर, RBI ने आशंका जाहिर की है कि कोरोना वायरस के कारण उपजे हालात से बैंकों की वित्तीय सेहत बिगड़ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आशंका जाहिर की है। दास ने सोमवार को कहा कि महामारी के कारण बैंकों की संपत्ति को बट्टा लग सकता है और पूंजी की कमी हो सकती है। उन्होंने बैंकों से पूंजी आधार बढ़ाए जाने पर जोर दिया। दास ने सरकार के पास राजस्व की कमी का भी जिक्र किया। कुछ साल पहले केन्द्रीय बैंक ने बैकों की संपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा की थी। 

गौरतलब है कि रिज़र्व बैंक ने कोरोना संकट में लोगों की सहूलियत के लिए कर्ज लौटाने को लेकर छह महीने की मोहलत दी जो अगस्त में खत्म हो गई। दास ने कहा कि नकदी स्थिति आसान हुए और वित्तीय स्थिति बेहतर होने से बैंकों के वित्तीय मानदंड ठीक हुए हैं। उन्होंने बताया कि महामारी से नुकसान हुआ है, आगे आर्थिक वृद्धि और आजीविका बहाल करने का काम करना है।