स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए निर्देश- अब हर राज्य को एक दिन में करनी होगी 70 फीसदी आरटी-पीसीआर जांच

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    कोरोना वायरस की जांच को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर राज्य को प्रतिदिन 70 फीसदी कोरोना जांच आरटी-पीसीआर के जरिए करनी होगी। अभी तक ज्यादातर राज्यों में एंटीजन जांच सबसे ज्यादा हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो हर दिन 49 से 50 फीसदी जांच एंटीजन किट्स के जरिए हो रही हैं। यह किट्स कीमत में सस्ती और कम समय में रिजल्ट बताने वाली होती हैं।

    बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति जिसकी एंटीजन जांच होगी, उसकी आरटी-पीसीआर जांच भी करानी होगी। या फिर आरटी पीसीआर जांच से ही काम चलाया जा सकता है।

    कम से कम 70 फीसदी प्रतिदिन जांच आरटी-पीसीआर के जरिए ही होगी। आरटी-पीसीआर तकनीक के जरिए करीब तीन से चार घंटे में यह पता चलता है कि व्यक्ति को कोरोना संक्रमण है अथवा नहीं।

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश दिया है कि एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले कम से कम 30 लोगों की पहचान और उनकी जांच 72 घंटे के भीतर करनी होगी। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट सोमवार को संक्रमित मिलती है तो बृहस्पतिवार तक उसके संपर्क में आए सभी लोगों की जांच कराना आवश्यक है।

    देश में मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में कोरोना का सबसे अधिक असर दिखाई दिया है। रतलाम जिले में हर दिन संक्रमित मिलने वाले रोगियों में 500 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जो अन्य किसी भी जिले की तुलना में सबसे गंभीर स्थिति है।

    बुधवार को पीएम की बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 राज्यों  के 70 जिलों की रिपोर्ट तैयार की है। यहां 500 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखने को मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, 1 से 15 मार्च के बीच पंजाब के रूपनगर 256, अमृतसर 123, मोगा 100, शहीद भगत सिंह नगर 51 और कपूरथला जिले में 51 फीसदी मामले बढ़े हैं।

    हरियाणा के यमुनानगर 300, करनाल 245, फरीदाबाद 225, पंचकुला 215, कैथल 180, कुरुक्षेत्र 158,अंबाला 121 और गुरुग्राम में 15 फीसदी नए संक्रमित बढ़े हैं। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर 367, सोलन 267 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इनके अलावा दिल्ली व चंडीगढ़ में भी मरीजों में काफी इजाफा हुआ है। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्यप्रदेश के कई जिलों में 400 फीसदी तक संक्रमण के मामले बढ़े हैं।