टूलकिट के मामले में दिल्ली पुलिस ने गूगल को नोटिस भेजा है। नोटिस के जरिए पुलिस ने गूगल से पूछा है कि यह दस्तावेज किस जगह से अपलोड किए गए हैं और कौन-कौन इसके पीछे शामिल रहा है। टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस ने गूगल से इन जानकारी को साझा करने के लिए कहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गूगल से जवाब मिलने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह दस्तावेज कहां से अपलोड किया गया था और किस तरह से इसका विस्तार हुआ।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इससे स्पष्ट हो जाएगा कि इसके पीछे कौन है और पुलिस उस तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को सोशल मीडिया डॉक्यूमेंट को लेकर देशद्रोह व अपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज किया है। टूल किट के जरिए भारत सरकार की छवि खराब करने की साजिश रची गई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है। एफआईआर टूल किट बनाने के खिलाफ दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त(अपराध) प्रवीर रंजन ने देर शाम सफाई देते हुए कहा कि ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। उनकी फिलहाल कोई भूमिका सामने नहीं आ रही है।
विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि दिल्ली पुलिस दिल्ली में किसानों के आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्म का काफी नजदीकी से मॉनिटरिंग कर रही है। दिल्ली पुलिस की 300 से ज्यादा ट्विटर हैंडलर पर नजर है।
दिल्ली पुलिस ने टूल किट बनाने वालों के खिलाफ भारत सरकार के विरूद्ध असहमति फैलाने के मामले में देशद्रोह(आईपीसी 124 ए), सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देना(153), आपराधिक साजिश रचने(आईपीसी 153 व 120बी) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट को दे दी गई है। दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग का नाम लिए बिना कहा कि उनके द्वारा किए गए टूल किट पर नजर रखी जा रही है। एफआईआर की सामग्री में ग्रेटा थनबर्ग का नाम है।