टोक्यो पैरालिंपिक का रविवार को समापन हो गया। अंतिम दिन भारत ने दो पदक जीते और ये दोनों पदक बैडमिंटन की दो अलग-अलग स्पर्धाओं में आए। भारत को दिन का पहला पदक गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी (डीएम) सुहास एल यतिराज ने रजत पदक के रूप में दिलाया तो कृष्णा नागर ने स्वर्ण पदक जीतकर टूर्नामेंट में भारत के सुखद अभियान का स्वर्णिम समापन किया। भारत की झोली में इस पैरालिंपिक में 19 मेडल आए।
पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पहले आइएएस बने सुहास
कर्नाटक के 38 वर्षीय सुहास एल यतिराज पुरुष सिंगल्स के फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के लुकास माजूर से करीबी मुकाबले में हार गए। उन्हें दो बार के विश्व चैंपियन माजूर से 62 मिनट तक चले फाइनल में 21-15, 17-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा। इस रजत पदक के साथ सुहास पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पहले आइएएस अधिकारी भी बन गए हैं।
कृष्णा ने बैडमिंटन में दिलाया दूसरा स्वर्ण
दूसरी वरीय कृष्णा नागर ने पुरुष सिंगल्स की एक अन्य स्पर्धा के फाइनल में रोमांचक जीत दर्ज की। जयपुर के 22 साल के कृष्णा ने हांगकांग के चू मैन काई को तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में 21-17, 16-21, 21-17 से हराया। यह मौजूदा टूर्नामेंट में बैडमिंटन में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है। कृष्णा से पहले प्रमोद भगत ने शनिवार को बैडमिंटन में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था।
अवनि लेखरा बनीं ध्वजवाहक
टोक्यो पैरालिंपिक का अंत रविवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ। 24 अगस्त से शुरू हुए इन पैरालिंपिक के समापन समारोह के दौरान भारतीय दल की अगुआई अवनि लेखरा ने की, जो ध्वजवाहक बनकर हाथ में तिरंगा लेकर नजर आई। उनके साथ भारतीय दल के 11 और सदस्य मौजूद थे। सबसे पहले जापान के एक पैरालिंपिक और ओलिंपिक के एक-एक पदक विजेता समेत छह लोग जापान के झंड़े को स्टेडियम में लेकर आए। दुनिया भर से आए खिलाड़ियों ने समापन समारोह में हिस्सा लिया, जिसका अंत आतिशबाजी से हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘सेवा और खेल का अद्भुत संगम। सुहास यतिराज ने अपने असाधारण खेल की बदौलत पूरे देश को खुश कर दिया। बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए उन्हें शुभकामनाएं। हमारे बैडमिंटन खिलाडि़यों के टोक्यो पैरालिंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखकर खुशी हो रही है। कृष्णा नागर की शानदार उपलब्धि प्रत्येक भारतीय के चेहरे पर मुस्कान लेकर आई है। स्वर्ण पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। भविष्य के लिए उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’
नंबर गेम
56 खिलाडि़यों का दल भेजा था भारत ने टोक्यो पैरालिंपिक के लिए।
19 पदक जीते भारत ने, जिसमें पांच स्वर्ण, आठ रजत, छह कांस्य पदक शामिल रहे। भारत पदक तालिका में 24वें स्थान पर रहा।
12 पदक इस आयोजन से पहले तक टूर्नामेंट के इतिहास में भारत ने जीते थे।