अफगानिस्तान में तालिबान का खूनी खेल जारी है. तालिबान आतंकियों ने गजनी में 43 लोगों की हत्या कर दी है. इनमें सुरक्षा बल और आम नागरिक भी शामिल हैं. तालिबान के इस खूनी खेल और भीषण हमले के खौफ से हजारों की तादाद में आम नागरिक घर छोड़कर काबुल चले गए हैं, जहां अभी सरकारी सेना का नियंत्रण है. तालिबान के खतरे को देखते अफगान सरकार ने कई इलाकों में रात का कर्फ्यू लगा दिया है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि ‘तालिबान आतंकी मालिस्तान जिले में घुसे और इस तरह की हत्या को अंजाम दिया है. उन्होंने ऐसे लोगों की हत्या कर दी जो युद्ध नहीं लड़ रहे थे. तालिबान ने लोगों के घरों पर हमला किया और उन्हें लूट लिया, इतना ही नहीं, उन्होंने घरों को आग लगा दी.’
वहीं, इस बीच तालिबान ने इस दावे को खारिज कर दिया है. इस बीच कंधार में तालिबान और अफगान सेना के बीच भीषण जंग की चपेट में आम नागारिक आ गए हैं. इसको देखते हुए 22 हजार अफगान परिवार भाग गए हैं. बता दें कि कंधार एक समय में तालिबान का गढ़ रहा है और यहां पर कब्जे के लिए तालिबान ने पूरी ताकत लगा दी है.
जानकारी के मुताबिक अभी कंधार शहर के बाहरी इलाके में जंग चल रही है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने लापरवाही बरती है, जिसकी वजह से तालिबानी आतंकी इतना करीब आ गए.
बता दें कि तालिबान आतंकवादियों ने ऐलान किया है कि अफगानिस्तान में तब तक शांति स्थापित नहीं हो सकती है जब तक कि देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी सत्ता नहीं छोड़ देते हैं. तालिबान ने यह भी कहा कि वह सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहता है.
तालिबान ने कहा है कि गनी के हटने के बाद देश में बातबीच के जरिए नयी सरकार बनानी होगी. तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने एक साक्षात्कार में यह बात कही है. बता दें कि सुहैल शाहीन वार्ता दल के सदस्य भी हैं. इस प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान उस वक्त हथियार डाल देगा जब गनी की सरकार चली जाएगी और ऐसी सरकार सत्ता संभालेगी जो संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को मंजूर हो.
शाहीन ने कहा,‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार में विश्वास नहीं रखते क्योंकि कोई भी सरकार, जिसने अतीत में अफगानिस्तान में सत्ता पर एकाधिकार रखने मंशा की, वह सफल सरकार साबित नहीं हुई.’