तालिबान को अब भी चुनौती दे रहे लोकतंत्र के योद्धा – पंजशीर में जमा हो रहीं तालिबान विरोधी फौजें, अमरुल्लाह सालेह भी मौजूद

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अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है. अफगानी सैनिकों के पंजशीर पहुंचने की तस्वीरें सामने आने लगी हैं. अफगानी सैनिक सेना के टैंकों के साथ पंजशीर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा बेहद मजबूत वॉरलोर्ड और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल रशीद दोस्तम के भी पंजशीर के साथ आने की खबरें हैं.

अमरुल्लाह सालेह भी पंजशीर में ही मौजूद

पंजशीर में नॉर्दन अलायंस के कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के साथ तालिबान के खिलाफ सारी फोर्स इकट्ठा हो रही हैं. खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित करने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी पंजशीर में ही मौजूद हैं.

तालिबानी गोलीबारी में कई लोग मारे गए

गौरतलब है कि अफगानी लोग तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. ये प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब अफगान ब्रिटिश शासन के समापन से संबंधित 1919 की संधि को याद करते हुए स्वतंत्रता दिवस अवकाश मना रहे है. कल आतंकवादियों ने हिंसक तरीके से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया था. जलालाबाद में प्रदर्शनकारियों ने तालिबान का झंडा हटाकर अफगानिस्तान का तिरंगा लगा दिया. इसी दौरान तालिबानी गोलीबारी में कई लोग मारे गए.

तालिबान ने वादा किया है कि अफगानिस्तान पर अपने पिछले शासन की तुलना में वे उदार होंगे. कई लोगों को यह डर सता रहा है कि तालिबान महिलाओं के अधिकारों और मानवाधिकारों के विस्तार के दो दशक के प्रयासों को मटियामेट कर देगा. तालिबान ने लोगों से काम पर लौटने की भी अपील की है, लेकिन ज्यादातर सरकारी कर्मचारी छिपे हैं और देश से भाग जाने की कोशिश में हैं.