श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नींव की पूरी तैयारी हो चुकी है अब 1200 स्थानों पर होगी पायलिंग

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श्रीराम मंदिर के लिए नक्शा स्वीकृत होने के बाद अब निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए अभूतपूर्व तरीकों से कंस्ट्रक्शन वर्क की मॉनिटरिंग और प्लानिंग की जा रही है। राम मंदिर का निर्माण जिस भूमि पर होना है, उस पर आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए 1200 स्थानों पर 35 मीटर गहराई तक की पाइलिंग की तैयारी की डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इनके भीतर लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा, क्योंकि उसकी उम्र महज 100 वर्ष होती है।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नींव की मृदा परीक्षण रिपोर्ट आईआईटी चेन्नई से आ गई है। हालांकि अभी सीबीआरआई रुड़की की भूकंपरोधी रिपोर्ट का इंतजार है। दोनों रिपोर्ट आने के बाद ही कार्यदायी संस्था एलएंडटी नींव निर्माण की वास्तविक डिजाइन को अंतिम रूप देते हुए खुदाई शुरू करेगी। इस बीच शनिवार को नींव में 1200 स्थानों पर 35 मीटर गहरी पाइलिंग के लिए कानपुर से मशीनें पहुंची हैं। 

पिछले महीने सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) के विशेषज्ञों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंच कर जमीन की गुणवत्ता की जांच की थी। जिस निर्धारित स्थान पर मंदिर बनना है वहां की 60 मीटर की गहराई तक सैंपल लिए गए हैं। सैंपलिंग की रिपोर्ट आईआईटी चेन्नई से अयोध्या पहुंच गयी है। एलएंडटी के इंजीनियर इस रिपोर्ट का अध्ययन करने में जुटे हैं। जबकि दूसरा काम मंदिर के भवन को भूकंप रोधी बनाए रखने का है। इसके लिए सीबीआरआई, रुड़की को जिम्मेदारी सौंपी गई है, अभी इस रिर्पोट के आने का इंतजार है।