किसान लड़ेंगे चुनाव, पंजाब सरकार से 15 जनवरी को होगी बातचीत

206

किसानों की लगभग 22 यूनियनें, जो संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा थीं और जिन्होंने तीन विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, अब पंजाब विधानसभा चुनावों में भाग लेने के मकसद से एक राजनीतिक इकाई संयुक्त समाज मोर्चा बनाने के लिए एक साथ आए हैं. पंजाब में किसानों के राजनीतिक मोर्चे का नेतृत्व बीएस राजेवाल करेंगे. बीकेयू (डकौंडा) और बीकेयू (लखोवाल) सहित तीन कृषि निकाय जल्द ही तय करेंगे कि पार्टी में शामिल होना है या नहीं. वे सभी 117 सीटों से चुनाव लड़ेंगे. किसान नेताओं ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की है.

कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध-प्रदर्शन और आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन कानूनों को वापस लेने की घोषणा ने किसानों के लिए पंजाब में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंच तैयार किया. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण चुनाव को लड़ने के अपने बड़े फैसले में किसान संघ आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की मांग कर सकते हैं.

गठबंधन की घोषणा बाद में की जाएगी.कृषि आंदोलन के दौरान एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे 78 वर्षीय बलबीर सिंह राजेवाल होंगे संयुक्त समाज मोर्चा का चेहरा.यह पूछे जाने पर कि एसएसएम आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करेगा या खुद राजेवाल आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा हो सकते हैं? उन्होंने कहा कि यह केवल मीडिया की चर्चा है.उनकी इस बारे में आप से कोई बात नहीं हुई है.

चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है.

दूसरी ओर, किसान आंदोलन में शामिल रहे कई किसान संघ जो कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) संगठन का हिस्सा थे, ने चुनावी राजनीति से दूर रहने का फैसला किया है. कीर्ति किसान संघ, क्रांतिकारी किसान संघ, बीकेयू-क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष समिति, बीकेयू-सिद्धूपुर, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन चुनावी मैदान में उतरने के खिलाफ हैं. चुनाव प्रचार के लिए एसकेएम के बैनर का इस्तेमाल होने की संभावना नहीं है.

एसकेएम अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए 15 जनवरी को बैठक करने की योजना बना रहा है, अब सरकार द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किसानों का आंदोलन बंद कर दिया गया है. यदि किसानों का राजनीतिक मोर्चा अकेला जाता है, तो पंजाब में एसएसएम, कांग्रेस, आप, अकाली दल-बसपा गठबंधन और बीजेपी के साथ अपने सहयोगी अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस सहित पांच-कोने की प्रतियोगिता होगी.