कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ। दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर हकीकत तो यही है कि 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा बवाल काटा, जिसकी गूंज काफी समय तक सुनाई देगी। ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ कर 313 हो गई है। अब तक इस मामले में 22 एफआईआर दर्ज की हैं। माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी। कल की हिंसा पर आज किसान यूनियन 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाले हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि बड़ी तादाद में किसान संसद मार्च नहीं करेंगे। किसान संगठनों के चुनिंदा प्रतिनिधि अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर पैदल मार्च करते हुए संसद तक जाएंगे। हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा।