केंद्र और किसान नेताओं के बीच पांचवें दौर की वार्ता खत्म, सरकार के संशोधन के प्रस्‍ताव को किसानों ने ठुकराया, कहा- बहुत चर्चा हुई अब ठोस जवाब चाहिए

556

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज 10वें दिन भी विरोध जारी है। दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत खत्म हो गई है।आज भी हुई पांचवे दौर की बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई। किसान संगठन कानून को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हैं। इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई है।

कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ 5वें दौर की वार्ता में भाग ले रहे किसानों नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पास एक साल के लिए सामग्री है। हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको बताता रहेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं? हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं।

 नरेंद्र तोमर ने वार्ता आगे न बढ़ने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि हम कानून वापसी पर राज्यों से चर्चा करने व विभागों से चर्चा करेंगे। 7 दिसंबर को उन्होंने एक बार फिर से बातचीत करने की बात कही है। आंदोलन को अनुशासित रखने पर उन्होंने किसान नेताओं का धन्यवाद किया।