पूर्व सिलेक्टर किरण मोरे का खुलासा- 2004 दलीप ट्रॉफी फाइनल में धोनी को खिलाने के लिए 10 दिन तक सौरव गांगुली को मनाना पड़ा था

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सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जब भी एक बेहतरीन विकेटकीपर और कप्तान की बात जाएगी तो उसमें महेंद्र सिंह धोनी का नाम जरूर होगा। धोनी ने विकेट के पीछे अपनी तेजी और बल्ले से कई नायाब उपलब्धियां अपने नाम की हैं। धोनी कप्तान के तौर पर आईसीसी के तीनों खिताब जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। धोनी को लेकर भारत के पूर्व विकेटकीपर और चीफ सिलेक्टर किरण मोरे ने एक मजेदार किस्सा शेयर किया है। उन्होंने कहा है कि धोनी को विकेटकीपर के तौर पर टीम में शामिल करने के लिए उन्हें 10 दिन तक सौरव गांगुली को मनाना पड़ा था।

उन्होंने एक यूटयूब चैनल ‘द कर्टली एंड करिश्मा शो’ पर बात करते हुए कहा कि, ‘उस वक्‍त फॉर्मेट बदल रहा था तो हमें एक पावर हिटर बल्‍लेबाज चाहिए था। एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत थी, जो छठे-सातवें नंबर पर बल्‍लेबाजी करते हुए टीम के लिए 40 से 50 रन जोड़ सके। राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपर बल्‍लेबाज के तौर पर 75 वनडे मैच खेले थे। उन्‍होंने इसी भूमिका में 2003 का विश्‍व कप भी खेला। ऐसे में हमें एक विकेटकीपर की तलाश थी क्योंकि हम उनका बोझ कम करना चाहते थे।’

उन्होंने कहा कि, ‘मेरे एक साथी की नजर धोनी पर पड़ी, जिसके बाद मैं उनका खेल देखने के लिए गया। उस समय सिर्फ धोनी का खेल देखने के लिए मैंने फ्लाइट पकड़ी थी। यहां धोनी की पूरी टीम ने 170 रन बनाए थे, जिसमें अकेले उनके 130 रन थे। यहां उन्होंने लगभग सभी गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए थे। इसलिए हम चाहते थे कि फाइनल मैच में धोनी ही विकेटकीपिंग करें।’ मोरे बताते हैं कि, ‘उस समय ईस्ट जोन की तरफ से दीप दासगुप्ता विकेटकीपिंग की भूमिका निभा रहे थे। ऐसे में उनकी जगह धोनी को विकेटकीपिंग करने देने के लिए उन्हें 10 दिन तक गांगुली और दीप दासगुप्ता को मनाना पड़ा था।’