अंडमान-निकोबार में हिली धरती, एक घंटे के अंतराल में महसूस किए गए भूकंप के दो झटके, रिक्टर स्केल पर 4.3 रही तीव्रता

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    Alaska earthquake
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    कुछ समय से भारत समेत दुनियाभर में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. आज सुबह भूकंप के झटकों से अंडमान एंड निकोबार में धरती हिल गई. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि अंडमान-निकोबार के पोर्टब्लेयर में सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर भूकंप आया. हालांकि भूकंप से किसी के हताहत होने की अब तक कोई खबर नहीं है.

    पिछले हफ्ते सोमवार को सुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दौरान कुछ समय के लिए मेट्रो ट्रेन रोकनी पड़ी थी. इसी दिन हैदराबाद के पास भी रिक्टर पैमाने पर 4.0 की तीव्रता वाला मध्यम भूकंप आया था. रविवार को सिक्किम के गंगटोक में रिक्टर पैमाने पर 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था.

    आखिर क्यों आता है भूकंप
    धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से जाना जाता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है. इसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे भूकंप कहते हैं. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.

    भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं.