भारत-म्यांमार सीमा क्षेत्र में महसूस हुए तेज भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर मापी गई 6.1 तीव्रता

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Alaska earthquake
Alaska earthquake

म्यांमार में भूंकप के झटके महसूस किए गए है. मिली जानकारी के मुताबिक अब से कुछ देर पहले 5 बजकर 15 मिनट पर 6.1 तीव्रता का भूंकप आया.

खबर लिखे जाने तक भूंकप के चलते किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आयी है. हालांकि, भूंकप के झटके महसूस होने पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया. लोग अपने घरों से बाहर सुरक्षित स्थान पर भागते दिखाई दिए तो वहीं, चीख-पुकार भी मचते दिखी.

ऐसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता

भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के अंकों के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है.

आखिर क्यों आता है भूकंप

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से जाना जाता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है. इसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे भूकंप कहते हैं. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं.