महाभियोग से बरी होने के बाद ट्रम्प ने कहा- ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ अभियान शुरू

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अमेरिकी उच्च सदन सीनेट में पूर्व राष्ट्रपति व रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक साल के भीतर दूसरी बार लाया गया महाभियोग फिर से पारित नहीं हो सका।

उन्हें कैपिटल हिंसा भड़काने का दोषी मानते यह महाभियोग लगाया गया था, जिसे पारित करने के लिए दो-तिहाई यानी 67 मतों की जरूरत थी। लेकिन दोनों दलों के 50-50 सदस्यों वाली सीनेट के 100 में से 57 मत ही डेमोक्रेट्स जुटा सके। रिपब्लिकन की ओर से 43 मत ट्रंप के पक्ष में जरूर पड़े, लेकिन सात ने ट्रंप के खिलाफ मतदान किया।

कैपिटल हिल में छह जनवरी को हुई हिंसा में पांच लोगों की जान गई थी। इसके लिए ट्रंप के भाषण को को जिम्मेदार मान कर यह महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्ज में पारित होने के बाद इसे सीनेट को भेजा गया था।

ट्रंप अमेरिका के इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दो दफा महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। वहीं पद छोड़ने के बाद महाभियोग का सामना करने वाले वे पहले राष्ट्रपति हैं। इससे पहले फरवरी 2020 में उन पर महाभियोग चला था, जिसमें उन पर यूक्रेन के राष्ट्रपति के जरिए अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन के खिलाफ एक मामले में जांच शुरू करवाने के आरोप लगे थे। तब भी उच्च सदन में ही प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था।

रिपब्लिकन सांसदों बिल क्लासिडी, रिचर्ड बर, मिट रोमनी, सुजन कोलिंस, लीजा मुर्कोवस्की, बेन सास, पेट टूमे ने महाभियोग के समर्थन में मतदान किया। खास बात रही कि रिपब्लिकन सांसद मिच मैकोनल ने ट्रंप के समर्थन में अपना मत दिया। वे अब तक कैपिटल हिंसा के लिए ट्रंप को जिम्मेदार ठहराते आए हैं।

ट्रंप के समर्थन के पीछे उन्हाेंने तर्क दिया कि ट्रंप अब राष्ट्रपति नहीं हैं, उन पर महाभियोग चलाना संविधान के खिलाफ है। उन्हाेंने ट्रंप को चेताया भी कि वे अभी भी हिंसा के लिए अदालत में जवाबदेह हैं।

महाभियोग पारित हो जाता तो ट्रंप 2024 या भविष्य का कोई भी राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ पाते, उन्हें आयोग्य घोषित कर दिया जाता। प्रस्ताव गिरने पर 74 साल के ट्रंप ने कहा, ‘किसी भी राष्ट्रपति को यह सब नहीं भोगना पड़ा, जो मैं भोग रहा हूं।

यह दुखद समय है जब अमेरिका में एक राजनीतिक दल को कानून के शासन को कलंकित करने, अनुपालन एजेंसियों को बदनाम करने, भीड़तंत्र को उकसाने, दंगाइयों को छोड़ने और न्याय को राजनीतिक बदला लेने के उपकरण में बदलने की छूट मिल चुकी है। वे जिससे सहमत नहीं होते उसे सजा देते हैं, ब्लैकलिस्ट करते हैं, उनके विचारों को दबाते हैं।’

ट्रंप ने महाभियोग को किसी व्यक्ति के खिलाफ छेड़ा गया इतिहास का सबसे बड़ा अभियान करार दिया और कहा कि वे हमेशा कानून के शासन और शांतिपूर्ण व सम्मानजनक बहस के समर्थक रहे हैं। साथ ही बताया कि वे अपनी यात्रा जारी रखेंगे, बल्कि ऐतिहासिक और देशभक्तिपूर्ण आंदोलन ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ तो अब शुरू हुआ है। आने वाले समय में वे नागरिकों से कई चीजें साझा करेंगे और अभियान को अभूतपूर्व ढंग से आगे ले जाएंगे। अमेरिका का भविष्य उज्जवल और असीम है।

उनके इस बयान से संभावना जताई जा रही है कि वे रिपब्लिकन पार्टी में रहकर ही आगे काम करेंगे। कुछ समय पूर्व माना जा रहा था कि वे नई पार्टी बना सकते हैं।