दिल्ली : लोगों को अस्पताल में लाइनों में लगने से मिलेगी मुक्ति, दिल्लीवासियों के पास भी होगा अपना हेल्थ कार्ड, जल्द शुरू होगा सर्वे

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CM Kejriwal Meeting on Omicron

विदेशों की तर्ज पर दिल्लीवासियों के पास भी अपना हेल्थ कार्ड होगा। दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) को अगले साल की शुरूआत में लागू कर देगी। इसके लिए वेंडर चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और इसे लागू करने के लिए कैबिनेट में रखने की तैयारी चल रही है। देश में अपनी तरह का यह अलग और इकलौता सिस्टम होगा, जिसके तहत दिल्ली के हर नागरिक को एक हेल्थ कार्ड मिलेगा, जिसमें उनके स्वास्थ्य से संबंधित सारी जानकारी होगी। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में बैठक कर स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की।  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष एचआईएमएस प्रोजेक्ट के कार्य प्रगति की विस्तृत जानकारी रखी। अधिकारियों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में काफी प्रगति हुई है। वेंडर का चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। तकनीकी मूल्यांकन, स्पष्टीकरण सहित तकनीकी मूल्यांकन का अनुमोदन पूरा हो गया है।

स्वास्थ्य मंत्री की मंजूरी के बाद कैबिनेट नोट का मसौदा अंतर विभागीय विचार-विमर्श के लिए भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों  को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर बेहद गंभीर है। हम चाहते हैं कि बिना किसी परेशानी के आधुनिक और बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जाए। 

स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली के लागू होने के बाद लोगों को अस्पतालों में लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा और उन्हें लाइनों में लगने से मुक्ति मिल जाएगी। जब भी उन्हें डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होगी, वो घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से उनसे मिलने का समय ले सकेंगे। डॉक्टर से मिलने के लिए एक समय दिया जाएगा और उस समय पर जाकर उनसे परामर्श ले सकेंगे। 

दिल्ली सरकार की योजना है कि लोगों को हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए अस्पतालों या दफ्तारों के चक्कर न काटने पड़े। लोगों को इस परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार पूरी दिल्ली में सर्वे कराएगी, जिससे की सभी का हेल्थ कार्ड बनाया जा सके। 

दिल्ली सरकार एचआईएमएस को जल्द से जल्द दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू करने की कोशिश कर रही है। साथ ही, चरणबद्ध तरीके से इससे निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाएगा। मरीजों की देखभाल संबंधित सभी सेवाएं जैसे अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं आदि को इस सिस्टम के अंदर लाया जाएगा। 

इस प्रणाली को बेहत तरीके से लागू करने के लिए एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर बनेगा।  पहले स्तर में कॉल सेंटर आँपरेटर लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त करेंगे। सीआरएम को लॉग-इन कर केस का आंकलन करते हुए उसका समाधान कराएंगे और संबंधित उपलब्ध हेल्थ केयर स्टाफ को बताएंगे। आँपरेटर कॉल करने वाले को संबंधित जानकारी देंगे और अंत में उसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी। वहीं, दूसरे स्तर पर दिल्ली सरकार के डॉक्टर और विशेषज्ञ कॉल व संदेश को प्राप्त कर मरीज को मिलने का समय देंगे। यदि केस इमरजेंसी है, तो उनके कॉल को तत्काल स्वीकार करेंगे और उनसे बात कर समस्या का समाधान करेंगे। 

दिल्ली के निरंकारी कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों को अब आईसीयू और टेलीमेडिसिन सेंटर की सुविधा मिल सकेगी। दिल्ली सरकार ने ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के 750 डॉक्टरों के साथ मिलकर आईसीयू व टेलीमेडिसिन सेंटर शुरू किया है। इससे डॉक्टर यहां भर्ती मरीजों के इलाज के लिए ब्रिटिश डॉक्टरों से विचार-विमर्श कर सकेंगे। 

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तिमारपुर विधायक दिलीप पांडे के साथ  बृहस्पतिवार को निरंकारी मैदान स्थिति कोविड केयर सेंटर में 300 आईसीयू बेड और आईसीयू टेलीमेडिसिन सेंटर का उद्घाटन किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड केयर सेंटर में आईसीयू की सुविधा नहीं होने की वजह से कुछ मरीज भर्ती नहीं होते थे। इसी के मद्देनजर सरकार ने यहां आईसीयू बेड बना दिए हैं। इस केंद्र में 90 फीसदी से अधिक मरीज ठीक होकर घर गए हैं। केवल 5 से 7 फीसदी मरीजों को रैफर करना पड़ा और एक भी रोगी की मौत नहीं हुई है। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोविड केयर सेंटर अस्पताल बनाया है। यह देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बने फील्ड अस्पतालों में ऐसा इकलौता अस्पताल है, जहां पर आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। वातानुकूलित अस्पताल में 308 बेड के आईसीयू के साथ पाइप के जरिए ऑक्सीजन की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

जैन ने कहा कि पहले किसी को उम्मीद नहीं थी कि मैदान में इस तरह का शानदार अस्पताल बनाना संभव है, लेकिन दिल्ली सरकार ने यह करके दिखाया है। इसके लिए डॉक्टरों के साथ सभी को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशी डॉक्टरों के साथ मिलकर टेलीकंसल्टेशन की सुविधा शुरू की है। दूसरे डॉक्टर के साथ विचार-विमर्श करने से यहां इलाज कर रहे डॉक्टर का आत्मविश्वास बढ़ेगा और मरीजों को भी काफी फायदा मिलेगा। इसके अलावा हमारे डॉक्टर जो जानकारी साझा करेंगे, उससे वहां के डॉक्टर को भी फायदा जरूर होगा, क्योंकि नए तरीके के मामले देखने को मिलेंगे और नई जानकारियां मिलेंगी।