दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र कल से : 70 हजार करोड़ का बजट पेश किए जाने की उम्मीद, आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा

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दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र दिल्ली के उपराज्यपाल के अभिभाषण के साथ सोमवार से शुरू होगा। देशभक्ति के रंग से ओतप्रोत बजट में सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, बिजली-पानी सब्सिडी जारी रखने के साथ ही दिल्लीवासियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। वित्तमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नौ मार्च को बजट पेश करेंगे। इसके साथ ही आर्थिक समीक्षा सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा। 

दिल्ली सरकार का वित्त वर्ष 2021-22 का प्रस्तावित बजट 70 हजार करोड़ होने की उम्मीद है। केजरीवाल सरकार हर साल बजट में बढ़ोतरी करती आई है लिहाजा यह माना जा रहा है कि इस बार का बजट पिछले वित्त वर्ष की तुलना में पांच हजार करोड़ ज्यादा होगा। हालांकि सरकार के सामने बजट पेश करना चुनौती भी है क्योंकि पिछले एक साल में कोरोना महामारी के कारण दिल्ली सरकार को मिलने वाले राजस्व में 35 प्रतिशत तक कमी की बात बताई जा रही है। 

पिछले बजट में सरकार की जो प्राथमिकता थी, कोरोना की वजह से पूरी नहीं हो पाई, उन्हें भी इसी बजट में शामिल किया जाएगा। कोरोना की वजह से राजस्व संग्रह का उचित प्रबंधन होने की झलक भी बजट में देखने को मिलेगी। पिछले साल 650000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था।

दिल्ली सरकार ने शैक्षणिक सत्र में देशभक्ति कार्यक्रम लागू करने की पूरी तैयारी में है, वहीं बजट में आजादी के 75 साल पूरे होने की झलक भी दिखेगी। लिहाजा बजट में देशभक्ति को बढ़ावा देने के लिए उत्सवों के आयोजन का प्रावधान किए जाने की उम्मीद है।  

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार आजादी के 75 वे वर्ष में शहीद भगत सिंह और बाबासाहेब आंबेडकर के प्रेरक जीवन पर कार्यक्रम आयोजित करेगी। दिल्ली के आसमान को तिरंगे से सजाने का प्लान भी बजट में पेश हो सकता है। पूरी दिल्ली में कनॉट प्लेस की तरह शानदार लहराते हुए तिरंगे स्थापित करने की तैयारी। बच्चे के लिए देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत करेगी। 

प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के प्रस्तावित बजट  को ढकोसला बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्लीवासियों को भ्रमित करने के लिए कोई न कोई शगूफा लाते रहे है क्योंकि इससे पहले भी जितने भी बजट पेश किए है उनको कोई न कोई नाम दिया है। 2015-16 को स्वराज बजट, तो 2016-17 में जीरो टैक्स बजट, 2017-18 को आउटकम बजट, 2018-19 को ग्रीन बजट, 2019-20 को पुलवामा बजट और 2020-21 में दिल्ली बजट का नाम दिया। जबकि सच्चाई यह है कि बजट को नाम देने पर उस विषय को कभी भी गंभीरता से नही लिया।