रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला: जर्मनी से हवाई मार्ग से आएंगे 23 ऑक्सीजन प्लांट, एक मिनट में होगा 900 किलो का उत्पादन

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    रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से 23 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र हवाई मार्ग से लाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने यह निर्णय ऐसे समय में किया है जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को चिकित्सीय ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

    अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 40 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट और 2400 लीटर ऑक्सीजन प्रति घंटा उत्पादन करने की है। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि इनकी स्थापना कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमसी) के अस्पतालों में की जाएगी।

    बाबू ने कहा, ’23 सचल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र को हवाई मार्ग से जर्मनी से लाया जाएगा। इन्हें कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले एएफएमसी के अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्र के एक सप्ताह के भीतर हवाई मार्ग से लाने की उम्मीद है।

    एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जरूरी कागजी कार्य पूरा होने पर भारतीय वायु सेना को जर्मनी से संयंत्र लाने के लिए विमान को तैयार रखने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि विदेशों से और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की खरीद की जा सकती है।

    गौरतलब है कि भारत में कोरोना महामारी लगातार गंभीर रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर ऑक्सीजन तक की कमी की खबरें आ रही हैं। 

    कई अस्पतालों में चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी की भी खबरें आ रही हैं। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में रिकॉर्ड तीन लाख 32 हजार 730 नए मामले सामने आए जबकि 2,263 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या एक लाख 86 हजार 920 पर पहुंच गई है।

    रक्षा मंत्रालय का यह निर्णय तब आया है जब चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के मद्देनजर चिकित्सा आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जरूरी खरीद के लिए तीनों सेवाओं ओर अन्य रक्षा एजेंसियों को आपात वित्तीय अधिकारी प्रदान करने की घोषणा की थी।