कोरोना की मार: वाहन कंपनियों को डर, संक्रमण की दूसरी लहर से फिर बढ़ेगा संकट

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कोविड-19 महामारी की मार से उबरने में लगे वाहन उद्योग की मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। मारुति, टोयोटा सहित कई कंपनियों ने कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक और बेकाबू होती जा रही है। पहले से ही दबाव मेें चल रहे वाहन उद्योग पर संकट और बढ़ सकता है। 

मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने सोमवार को कहा कि वाहनों की बिक्री सीधे तौर पर आर्थिक वृद्धि और उपभोक्ताओं के सेंटिमेंट से जुड़ी है। कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति निश्चित तौर पर ग्राहकों के सेंटिमेंट पर असर डालेगी, जिससे बिक्री प्रभावित होगी। लॉकडाउन जैसे फैसलों से सिर्फ भौतिक तौर पर कारों की डिलीवरी प्रभावित होगी, लेकिन बिना कोविड-19 मामलों में कमी लाए इसका ग्राहकों की मनोदशा पर कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा, स्थानीय प्रतिबंधों से वाहन खरीद के ऑर्डर और डिलीवरी पर असर पड़ेगा। हालांकि, हमारे पास लंबित ऑर्डर की बड़ी संख्या है, जो अप्रैल तक चलेगी। इसके बाद लॉकडाउन जैसी स्थितियों का असर पड़ेगा। कंपनी उत्पादन को भी सावधानीपूर्वक जारी रखने की कोशिश कर रही है। 2020-21 में वाहनों की कुल में 13 फीसदी की गिरावट आई है।

शोरूम बंद होने से आपूर्ति पर असर : होंडा
होंडा कार्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक राजेश गोयल ने कहा, लॉकडाउन और सप्ताहांत कर्फ्यू की वजह से कई बाजारों में हमारे शोरूम बंद हैं। इसका असर बिक्री और आपूर्ति पर पड़ना तय है। स्थिति का आकलन करने के साथ हम कई शहरों से फीडबैक ले रहे हैं। 

50 फीसदी तक घटेगी दोपहिया की बिक्री 
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने अनुमान जताया है कि संक्रमण की दूसरी लहर के कारण अप्रैल में ही दोपहिया वाहनों की बिक्री 30-50 फीसदी गिर सकती है। इस महीने नवरात्रि और गुड़ी पढवा सहित कई छोटे त्योहार होने के बावजूद दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट दिख रही है। लॉकडाउन और कर्फ्यू की वजह से शादियों के सीजन का भी बिक्री पर असर नहीं दिख रहा। अगर संक्रमण की रफ्तार पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो बिक्री सुधरने में अक्तूबर तक समय लग सकता है। बीते साल दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 23 फीसदी कम रही थी।