कोविशील्ड को मान्यता नहीं: ब्रिटेन की वैक्सीन नीति को लेकर सरकार ने चेताया, कहा- यह भेदभावपूर्ण रवैया, हम भी लेंगे जवाबी एक्शन

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    भारत सरकार ने कहा कि ब्रिटेन ने ‘कोविशील्ड’ को मान्यता नहीं देकर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है. सरकार ने कहा कि अगर इसका समाधान नहीं निकाला जाता तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘Covishield’ को मान्यता नहीं देना भेदभावपूर्ण नीति है और ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हमारे नागरिकों को प्रभावित करती है. उन्होंने कहा कि यह भारत के ‘पारस्परिक उपाय करने के अधिकार’ के भीतर आता है.

    इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस के साथ अपनी बैठक के दौरान कोविड-19 संबंधी क्वारंटाइन के मामले के ‘शीघ्र समाधान’ का आग्रह किया.

    दरअसल, ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग-अलग सूचियां बनाई गई हैं. खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग-अलग सूची में रखा गया है. चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी. लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा.

    भारत अब भी एम्बर सूची में है. ऐसे में एम्बर सूची को खत्म करने का मतलब है कि केवल कुछेक यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी. जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी, उसमें भारत शामिल नहीं है. इसका मतलब यह है कि जो भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी तथा तय पतों पर क्वारेंटाइन में रहना होगा।