मुख्तार अब्बास नकवी का कांग्रेस पर आरोप कहा – कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता सिर्फ वोट हाइजैक करने वाली मशीन

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यह आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता बस एक वोट हाइजैक करने वाली मशीन है, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि भाजपा सबसे धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धर्मनिरपेक्षता के लिए हमारी संवैधानिक प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा से ज्यादा कोई धर्मनिरपेक्ष पार्टी नहीं हो सकती है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का मजबूत समर्थन दिखाई दे रहा है और धीरे-धीरे वे भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में नकवी ने कहा कि असम में बदरुद्दीन अजमल की अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा, पश्चिम बंगाल में भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा और केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस के गठबंधन ने इस खेल को उजागर कर दिया।

नकवी ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता सिर्फ वोट हाइजैक करने की मशीन है, जबकि हमारे लिए यह समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्धता है। इसलिए कांग्रेस अब अलग-थलग पड़ गई है क्योंकि उसके पास न तो कहने के लिए कुछ है और न ही दिखाने के लिए कोई उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भाजपा से ज्यादा कोई धर्मनिरपेक्ष पार्टी नहीं हो सकती है।

नकवी ने कहा कि मोदी एकमात्र ऐसे पीएम हैं, जिन्होंने शपथ लेने से पहले संविधान के सामने झुककर कहा था कि वोट देने और न देने वाले दोनों ही लोग हमारे लिए बराबर हैं। नकवी ने कहा कि समावेशी मानसिकता और धर्मनिरपेक्ष सोच का इससे बेहतर उदाहरण नहीं देखने को मिल सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार के लिए धर्मनिरपेक्षता एक संवैधानिक मिशन और संकल्प है, जबकि छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों के लिए यह वोटों को हाईजैक करने का एक साधन मात्र है।

यह दावा करते हुए कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाएगी, असम की सत्ता में वापस आएगी और केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में मजबूत प्रदर्शन करेगी, नकवी ने कहा कि विपक्षी दलों ने पहले ही ईवीएम पर सवाल उठाकर हार का बहाना बनाना शुरू कर दिया है और चुनाव आयोग पर हमले कर रहे है।

बता दें कि असम में तीन चरणों 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को चुनाव हो रहे हैं, जबकि केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में मतदान 6 अप्रैल को एक ही चरण में होगा। वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुनाव आठ चरणों में हो रहे हैं। सभी सीटों के लिए मतगणना 2 मई को होगी।