रूस-यूक्रेन युद्ध पर फिर बोला ड्रैगन, स्थिति को बताया गंभीर, सुधार के लिए ‘मदद’ करने का दिया ऑफर

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President Xi Jinping and Prime Minister Li Keqiang

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने यूक्रेन के मौजूदा हालात को शुक्रवार को ‘गंभीर’ बताया और शांति के लिए ‘सकारात्मक भूमिका’ निभाने में चीन की मदद की पेशकश की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने रूस की कोई आलोचना नहीं की. चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अभी सबसे बड़ा काम, तनाव को बढ़ने या नियंत्रण से बाहर होने से रोकना है.’ चीन ने संघर्ष में काफी हद तक रूस का साथ दिया है और उसने इसे युद्ध या आक्रमण के रूप में संदर्भित करने से इनकार कर दिया है. वहीं अमेरिका ने चीन पर, झूठी खबरें और गलत सूचना फैलाने में रूस की मदद करने का आरोप लगाया है. चीन इस मसले पर बाकी देशों से हटकर बर्ताव कर रहा है. एक ओर वो यूक्रेन के मौजूदा हालातों पर चिंता जताकर शांति की बात कर रहा है, तो दूसरी ओर इस देश पर हमले के लिए रूस का समर्थन कर रहा है.

ताइवान पर चीन के हमले का डर बढ़ा
चीन का इस तरह रूस का साथ देने से इस बात का डर बढ़ गया है कि वह कभी भी ताइवान के साथ ऐसा कर सकता है. चीन स्वशासित देश ताइवान को अपना अधिकार क्षेत्र मानता है और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से यह आशंका पैदा हो गई है कि चीन भी ताइवान पर जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करके कब्जा कर सकता है. ताइवान के रक्षा मंत्री चिउ कुओ चेंग ने गुरुवार को कहा कि अगर चीन के साथ कोई संघर्ष होता है, तो यह सभी पक्षों के लिए विनाशकारी होगा, भले ही परिणाम कुछ भी हो.

किसी को युद्ध नहीं चाहिए- ताइवान
ताइवान के रक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘किसी को युद्ध नहीं चाहिए. इस पर समग्र विचार किया जाना चाहिए.’ वहीं चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) और उसके सलाहकार निकाय की इस सप्ताह बीजिंग में हुई वार्षिक बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने ताइवान में विदेशी प्रभाव एवं अलगाववाद को दोषी ठहराया और ताइवान के समर्थन का मुकाबला करने के लिए चीन की कानूनी और वित्तीय शक्ति को बढ़ाया है. पीपल्स लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने एनपीसी में कहा, ‘अलगाववादी गतिविधियां और बाह्य बलों के साथ गठजोड़ ताइवान जलडमरू मध्य में मौजूदा तनाव और अशांति का मूल कारण है.’