आज से एक साल पहले रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। सरकार गठन के पंद्रह दिन भी नहीं बीते थे, तीन मार्च को कोरोना महामारी ने दिल्ली में दस्तक दे दी। इसके बाद कोविड-19 तेजी से अपना पांव पसारता गया। फिलहाल हालात नियंत्रण में है। चुनौतियों के बीच गुजरे एक साल का अपना अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने कहा कि वह कोरोना प्रबंधन की दिशा में दिल्ली सरकार के कामकाज से वह संतुष्ट हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते दिल्ली सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर आज मुझे इस बात को लेकर गर्व और संतोष है कि हमने कोरोना महामारी की विकट चुनौती को लगभग पराजित कर दिया है। मुझे इस बात की बेहद प्रसन्नता है कि दिल्ली पर न सिर्फ संक्रमण का शिकंजा ढीला पड़ गया है, बल्कि हमारे कई अस्पताल आज कोरोना मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। राजधानी में जनजीवन दोबारा पटरी पर लौट आया है। दिल्ली चल पड़ी है और अपनी पुरानी रौ में दौड़ने भी लगी है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस दौरान दिल्ली पर देश-दुनिया की निगाहें टिकी थी। दो करोड़ की घनी आबादी वाले उम्मीदों के शहर दिल्ली पर खतरा भी सर्वाधिक था। ऐसे में हमारी सरकार की विभिन्न एजेंसियों के साथ-साथ कोरोना योद्धाओं ने संक्रमण, विस्थापन, आवागमन, भूख, रोजगार, शिक्षा जैसी तमाम चुनौतियों के एकजुट हमले का साहस और कुशलता से सामना किया। दस लाख से ज्यादा लोगों के खाने-पीने का मुफ्त में इंतजाम किया। फिर, एक करोड़ से ज्यादा लोगों को सूखा राशन भिजवाया गया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनके लिए इसकी ऑनलाइन व्यवस्था की गई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े कामगारों के अलावा निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के समक्ष भूख की विकट चुनौती के मद्देनजर उन्हें सीधे आर्थिक मदद दी गई।
केजरीवाल के मुताबिक, सबसे बड़ी चुनौती कामगारों के विस्थापन को संभालने की थी। हमारी सरकार ने ईमानदारी और व्यवस्थित तरीके से इस चुनौती से पार पाया। महा-विस्थापन के उस दौर में जहां देशभर में एक से बढ़कर एक त्रासद और दुखभरी तस्वीरें सामने आ रही थीं, वहीं हमारी सरकार आगे की चुनौतियों से मुकाबला करने को कमर कस रही थी। इस दौरान हमने कई ठोस और कारगर पहल की। राजधानी में देश का सबसे बड़ा कोविड सेंटर स्थापित किया गया। कई नये अस्पताल भी खोले गए।
दिल्ली ने कोरोना काल के दौरान दुनिया को होम आइसोलेशन व प्लाज्मा थेरेपी दी
अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, पूरा विश्व जब कोरोना की महामारी से लड़ रहा था, पूरा विश्व जब इसकी दवाई का इंतजार कर रहा था, तब सबसे पहले दिल्ली के हमारे डॉक्टरों ने पहल करके दुनिया को प्लाजमा थेरेपी दी। अप्रैल के महीने में दिल्ली के हमारे अस्पतालों के अंदर खासकर आईएलबीएस के अंदर प्लाज्मा थेरेपी के ट्रायल चालू हुए। 2 जुलाई को दुनिया का सबसे पहला प्लाजमा बैंक दिल्ली के अंदर शुरू किया गया। इसके अलावा अध्ययन के बाद दिल्ली के हमारे डॉक्टरों ने मिलकर होम आइसोलेशन को इजाद किया। दुनिया में सबसे पहले होम आइसोलेशन की शुरूआत दिल्ली में की गई। दिल्ली की इस पहल की फिर पूरे भारत में लागू किया गया। वहीं, पूरी दुनिया ने इसे सराहा है।
नहीं बंद हुआ मुफ्त पानी, मार्च से राशन की डोर स्टेप डिलिवरी
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि लॉकडाउन काफी कठिन दौर था। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए थे। संकट की इस घड़ी में दिल्ली सरकार ने हर महीने एक करोड़ लोगों को राशन दिया गया। फिर, 1.56 लाख चालकों को 5-5 हजार और निर्माण मजदूरों को 10-10 हजार रुपए दिए। इससे उनकी मदद मिली। कोरोना योद्धाओं को दिल्ली सरकार ने एक-एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि दी। इस दौरान, जब टैक्स आना बंद हो गया था तब भी दिल्ली सरकार ने पानी और बिजली मुफ्त देना बंद नहीं किया। अच्छा आर्थिक प्रबंधन करके हमने सुनिश्चित किया कि लोगों की बिजली और पानी जो दिल्ली के अंदर फ्री मिलता है, वह फ्री मिलता रहा।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अब दिल्ली के लोगों के घर राशन पहुंचेगा। मार्च से राशन की डोर स्टेप डिलिवरी शुरू हो जाएगी। अगर आपको 25 किलो गेहूं और 10 किलो चावल मिलना है, तो 25 किलो की एक शानदार पैकिंग में साफ-सुथरा गेहूं या आटा और 10 किलो चावल की एक बोरी बनाकर आपके घर पहुंचा दिया जाएगा। आपको किसी दुकानदार के पास जाने की जरूरत नहीं होगी।