चंद्रशेखर रावण ने CM योगी के खिलाफ गोरखपुर से दाखिल किया नामांकन

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chandrashekhar ravan
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यूपी विधानसभा चुनाव के लिए आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने गोरखपुर शहर सीट से नामांकन दाखिल किया है. चंद्रशेखर ने सीएम योगी के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है. जबकि इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व बीजेपी नेता उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी सुभावती को टिकट दिया है. अपने नामांकन दाखिल में चंद्रशेखर चुनाव आयोग को बताया है कि उनके खिलाफ कुल 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि उनके पास 44 लाख से ज्यादा की संपत्ति है. इस संपत्ति में उनकी पत्नी की भी हिस्सेदारी है.

असल में चंद्रशेखर ने पिछले दिनों ही सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था और मंगलवार को उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया. उन्होंने चुनाव आयोग को जो शपथ पत्र दिया है उसमें उन्होंने बताया एलएलबी तक की पढ़ाई की है. इसके साथ ही चंद्रशेखर के पास 18 हजार रुपये नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 12 हजार रुपये नकद हैं. इसके साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया छुटमलपुर में 26 हजार 369 रुपये जबकि उनकी पत्नी के खाते में 84 हजार 307 रुपये हैं. इसके साथ ही पत्नी का एक और बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक में भी है और इस खाते में 3 लाख 18 हजार 617 रुपए जमा हैं. चंद्रशेखर सीए न्यूज नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी भी चलाते हैं.

चंद्रशेखर रावण ने 2015 में दलितों का छात्रों का एक संगठन बनाया था और उन्होंने इसका नाम ‘भीम आर्मी’ रखा. इस संगठन ने पहले सहारनपुर में अपनी पैठ बनाई और इसके बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में संगठन को स्थापित किया. इसके बाद साल 2017 भीम आर्मी चर्चा में आई और सहारनपुर में राजपूतों और दलितों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ. इसके बाद चंद्रशेखर को मुख्य आरोपी बनाया गया था.

गोरखपुर को सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है और वह चार बार लगातार वहां से सांसद चुने गए हैं. पिछले दिनों ही उन्होंने गोरखपुर से पर्चा दाखिल किया था. गोरक्षनाथ मंदिर का प्रभाव गोरखपुर जिले के साथ ही आसपास के जिलों में भी है.

आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर पर विभिन्न जिलों में 16 मामले दर्ज हैं. इसमें सहारनपुर में आठ, गाजियाबाद, मध्य दिल्ली, दक्षिण पूर्व, हाथरस, अलीगढ़, आजमगढ़ और लखनऊ में एक-एक और मुजफ्फरनगर में दो मामले दर्ज हैं. चंद्रशेखर पर हत्या के प्रयास और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के चार मामले और आपराधिक साजिश के दो मामले शामिल हैं. इसके साथ ही चंद्रशेखर के खिलाफ दंगा करने, घर में घुसने की धमकी देने और कोरोना महामारी एक्ट का भी मामला दर्ज है.