उत्तराखंड के चमोली में सोमवार को तपोवन सुरंग में मलबे के निचे से दो और शव बरामद किए गए. इस तरह अब कुल बरामद शवों की संख्या 53 हो गई है. ग्लेशियर फटने से हुई भीषण तबाही के बाद सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. रविवार को भी 13 शवों को निकाला गया था. इनमें से 7 शव रैणी गांव और 6 शव तपोवन टनल के पास से बारमद किए गए थे.
बताया जा रहा है कि घटना में 92 लापता हुए थे, जिनमें से 62 के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. इधर, प्रशासन का कहन है कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा 30, सहारनपुर के 10 और श्रावस्ती के पांच लोग लापता हैं. हालांकि, लखीमपुर खीरी के लापता लोगों में से 23 की जानकारी मिल गई है और उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है. लापता लोगों में से 5 की मौत की खबर है. मृतकों की पहचान लखीमपुर खीरी के अवधेश (19), अलीगढ़ के अजय शर्मा (32), लखीमपुर खीरी के सूरज (20), सहारनपुर निवासी विक्की कुमार और लखीमपुर खीरी के विमलेश (22) के रूप में हुई है.
उत्तरखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि जैसे-जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लापता और मृत लोगों की संख्या घटती-बढ़ती जा रही है. तपोवन टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. यहां कैमरों की मदद से भी लोगों की तलाश की जा रही है. लापता और मृत मजदूरों में से अधिकांश एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और निजी स्वामित्व वाली ऋषिगंगा बिजली परियोजना में काम कर रहे थे.
चमोली पुलिस ने बताया कि बैकअप में सात एंबुलेंस, पोस्टमार्टम टीम और एक हेलीकॉप्टर भी रखा गया है. अगर कोई भी व्यक्ति जिंदा बरामद किया जाता है तो उसे तुरंत उपचार देने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.अब तक 12 शवों की पहचान हो पाई है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में आईटीबीपी के जवान पूरी मुस्तैदी से लगे हुए हैं. साथ ही यह जवान आपदा प्रभावित नागरिकों को राशन और जरूरत के सामान भी मुहैया करा रहे हैं. डीएम का कहना है कि तलाश अभियान तेजी से चल रहा है.