विरोध के बीच MSP पर खरीफ फसलों की बंपर खरीद, 30 लाख किसानों को 59 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का फायदा

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केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर सिंघु और टिकारी सीमा पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. इससे ना सिर्फ मुसाफिरों का आवागमन प्रभावित हुआ है बल्कि सड़क के रास्ते पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लिए ट्रांसपोर्टेशन पर भी असर देखने को मिल रहा है. वहीं पंजाब के किसानों से एमएसपी पर फसलों की जबरदस्त खरीद की जा रही है. कृषि मंत्रालय  के आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 के लिए पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में धान की खरीद की जा रही है. अब तक कुल 316.93 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है.

पंजाब के किसान प्रदेश के विभिन्‍न हिस्सों के अलावा सिंघु और टिकारी सीमा पर डटे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ 29 नवंबर तक देशभर में किसानों से एमएसपी पर कुल 316.93 लाख एमटी धान की खरीद हो गई है. पिछले साल के मुकाबले यह खरीद 18.60 फीसदी ज्‍यादा है. पिछले साल किसानों से 267.22 लाख एमटी धान की खरीद की गई थी. अब तक खरीदे गए धान में से 63.97 फीसदी यानि 202.74 लाख एमटी अकेले पंजाब के किसानों से खरीदा गया है. पंजाब के अलावा हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, यूपी, तमिलनाडु,ओडिशा, महाराष्ट्, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़, गुजरात और केरल के किसानों से भी एमएसपी पर धान की खरीद की गई है. केंद्र सरकार के मुताबिक, धान की खरीद के लिए 2,953,000 लाख किसानों को 59837.31 करोड़ रुपये मूल्य का भुगतान किया जा चुका है.

केंद्र ने अपनी नोडल एजेंसियों के जरिये तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा से 29 नवंबर तक 540.92 करोड़ रुपये मूल्य की 1,00,429.81 एमटी मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद की है. इससे कुल 57,956 किसानों को सीधे फायदा मिला है. इसी तरह कर्नाटक और तमिलनाडु के 3,961 किसानों से 52.40 करोड़ रुपये मूल्य का 5,089 एमटी कोपरा भी खरीद गया है. राज्यों से मिले प्रस्तावों के मुताबिक तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश से प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत खरीफ मार्केंटिंग सीजन के लिए 45.24 लाख एमटी दाल और ऑयल शीड की खरीदारी की मंजूरी दी गई है.

एमएसपी व्यवस्था के तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से कपास की खरीद की जा रही है. ताजा आंकडों के मुताबिक, 29 नवंबर 2020 तक 5,65,591 किसानों से 8,286.91 लाख रुपये मूल्य का 28,16,255 बेल्स कपास खरीदा जा चुका है. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल से 1.23 लाख सूखा नारियल की खरीद को भी मंजूरी दी जा चुकी है. राज्यों से प्रस्ताव आने के बाद दालें, ऑयलशीड और नारियल की खरीद की जाएगी.