भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कई दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। ब्रिटेन का विदेश मंत्रालय भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शनों पर करीबी नजर बनाए हुए है। ब्रिटेन सरकार के प्रवक्ता ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि संसद में इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ठीक से सुन नहीं पाए और इसके बजाय उन्होंने भारत-पाकिस्तान विवाद पर ब्रिटेन का रुख स्पष्ट कर दिया।
दरअसल, बुधवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटेन के सिखों की चिंताओं से अवगत कराते हुए प्रधानमंत्री जॉनसन से एक सवाल पूछा था।
सवाल के जवाब में जॉनसन ने चूक करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद का समाधान दोनों देशों पर निर्भर करता है। ब्रिटेन के एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री संसद में पूछे गए सवाल को सही से सुन नहीं पाए। विदेश मंत्रालय भारत में चल रहे प्रदर्शनों के मुद्दे पर करीबी नजर बनाए हुए है।
भारत के कृषि कानूनों खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों पर खुलकर अपनी बात रखने वाले ढेसी ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ”पानी की बौछारों, आंसू गैस के इस्तेमाल और जबरदस्त बल प्रयोग” के वीडियो फुटेज का मुद्दा उठाया था। उन्होंने जॉनसन से सवाल किया, ”भारत के कई इलाक़ों और खासकर पंजाब के किसान, जो कि शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं उन पर पानी की बौछारों और आंसू गैस के इस्तेमाल का फुटेज परेशान करने वाला है। क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री (जॉनसन) भारतीय प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) को हमारी चिंताओं से अवगत कराएंगे? हम उम्मीद करते हैं कि वर्तमान गतिरोध का कोई समाधान निकलेगा। उन्हें समझना चाहिए कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन सबका मौलिक अधिकार होता है।” जॉनसन अपने संक्षिप्त जवाब में कश्मीर मुद्दे पर बात करते दिखे।
उन्होंने कहा, ”ज़ाहिर है भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ भी हो रहा है वो चिंताजनक है। यह एक विवादित मुद्दा है और दोनों सरकारों को मिलकर समाधान निकालना है।” प्रधानमंत्री का जवाब सुनते हुए तनमनजीत सिंह अवाक रह गए। ढेसी ने सोशल मीडिया पर रुख करते हुए ट्वीट किया और जॉनसन को ”पूरी तरह बेखबर” बताया। इसपर उन्हें लेबर पार्टी के अपने कई साथी नेताओं का साथ मिला जबकि कई लोगों ने इस चूक पर हैरानी जतायी।