अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण से पैदा हुई वैश्विक उथल पुथल के बीच भारत समेत पांच देशों के अहम ब्रिक्स संगठन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने मंगलवार को वर्चुअल मुलाकात की। भारत की अध्यक्षता वाली बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात को लेकर आपस में व्यापक सहमति बनाने का प्रयास किया गया। इस दौरान संगठन ने आतंकवाद और आंतकी वित्त पोषण के खिलाफ लड़ाई में आपसी व्यवहारिक सहयोग को बढ़ावा देने का एक्शन प्लान स्वीकार किया।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल ब्रिक्स नेताओं के 12वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दी गई सलाह पर अमल करते हुए आतंकवाद विरोधी एक्शन प्लान को स्वीकार किया। साथ ही इसे आगामी शिखर सम्मेलन में विचार के लिए नामित किया। इसे तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान से विभिन्न आतंकी समूहों की गतिविधियों को मजबूती मिलने की संभावना को देखते हुए बड़ा कदम माना जा रहा है। ब्राजी, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की मौजूदगी वाली संगठन की भारतीय अध्यक्षता के दौरान यह एक अहम उपलब्धि है।
अगले महीने होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले संगठन की इस 11वीं अहम बैठक में के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की अध्यक्षता में रूस के एनएसए जनरल पात्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो सदस्य यांग जेईछी, ब्राजील सुरक्षा अधिकारी जनरल अगुस्तो हेलेना रिबिएरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप रक्षा मंत्री एन. गुडएनफ कोडवा शामिल रहे। बैठक में नई दिल्ली ने सीमा पार से पोषित होने वाले आतंकवाद और लश्कर-ए-ताइबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रतिबंधित आतंकी समूहों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया, जो ‘सरकारी सहयोग’ का लुत्फ उठाते हैं और शांति व सुरक्षा को खतरा पैदा करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने आतंकवाद, कट्टरपंथ और ध्रुवीकरण को लेकर सभी ब्रिक्स सदस्य देशों के गहन सहयोग की जरूरत को मजबूती से रखा। इसके बाद पांचों देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने आतंकवाद के खतरे और नशीली दवाओं के व्यापार समेत क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा के सामने मौजूद पारंपरिक व अपारंपरिक चुनौतियों से मिलकर निपटने पर हामी भरी। बैठक में क्षेत्रीय व वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा से इतर अफगानिस्तान में मौजूदा हालात, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर भी बात की गई।
एक्शन प्लान में शामिल
- आतंकी वित्त पोषण रोकना व आतंकवाद पर वार
- आतंकियों के इंटरनेट का दुरुपयोग रोकना
- आतंकियों के यात्रा करने पर अंकुश
- सीमाओं पर आतंकवाद पर नियंत्रण
- आसानी से निशाना बनने वाले लक्ष्य की सुरक्षा
- सूचनाओं का आदान-प्रदान करना
- आतंकवाद से लड़ने की क्षमता पैदा करना
- क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोग बनाना