NEET परीक्षा बिल तमिलनाडु विधानसभा में हुआ पारित

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Tamil Nadu Chief Minister
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NEET परीक्षा से राज्य को छूट देने की मांग करने वाले विधेयक को तमिलनाडु विधानसभा सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है. विधेयक को राज्यपाल आरएन रवि के पास उनकी सहमति के लिए भेजा गया था. दस दलों की बैठक में विधेयक को पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था. पार्टियों में डीएमके, कांग्रेस, पीएमके, एमडीएमके, वीसीके, सीपीएम और सीपीआई शामिल थे. वहीं अन्नाद्रमुक, बीजेपी और पुरत्ची भारतम ने बैठक का बहिष्कार किया था.

इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था कि राज्य एनईईटी से छूट के लिए एक और विधेयक पारित करने के लिए एक विशेष विधानसभा बुलाएगा, कुछ दिनों बाद राज्यपाल आरएन रवि ने इसी तरह के एक विधेयक को “गरीब विरोधी” कहा था. गौरतलब है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने पहले 13 सितंबर 2021 को पारित विधेयक को 142 दिनों तक अपने पास रखने के बाद वापस कर दिया था.

तमिलनाडु के राज्यपाल ने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष को विधेयक लौटाते हुए कहा कि यह विधेयक छात्रों के हित के खिलाफ है. राज्यपाल के मुताबिक इस बिल से ग्रामीण इलाकों के छात्रों के हितों पर असर पड़ेगा. उन्होंने अपने तर्क के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, तमिलनाडु में NEET रद्द करने से गरीब छात्रों का आर्थिक शोषण होगा.

तमिलनाडु सरकार का मानना ​​है कि नीट समाज में असमानता पैदा करता है. NEET उन अमीरों का पक्षधर है जो अपनी नियमित बारहवीं कक्षा की शिक्षा के अलावा विशेष कोचिंग का खर्च उठा सकते हैं. संपन्न वर्ग ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने से हिचकिचाते हैं. वे विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं. दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों के 90% मेडिकल छात्र अपने पैतृक गांवों में सेवा करके खुश हैं.