Bihar Election 2020: टिकट न मिलने पर Ex DGP गुप्‍तेश्‍वर पांडेय, बोले- CM नीतीश ठगते नहीं, कोई मजबूरी होगी

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चुनाव के ठीक पहले स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले कर जनता दल यूनाइटेड (JDU) की सदस्‍यता ग्रहण करने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Ex DGP Gupteshwar Pandey) को झटका लगा है। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में उन्‍हें टिकट नहीं मिला है। उनके बक्‍सर की किसी सीट से राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का प्रत्‍याशी होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन प्रत्‍याशियों की लिस्‍ट (List of Candidates) में उनका नाम नहीं है। इसके बाद उन्‍होंने फेसबुक (Facebook) पर शुभचिंतकों के नाम से एक भावुक पोस्‍ट लिखा है। इसके बाद गुरुवार को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को क्‍लीन चिट देते हुए उन्‍होंने कहा कि वे किसी को ठगते नहीं हैं। उनकी कोई मजबूरी रही होगी।

गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने किया ये इमोशनल पोस्‍ट

पूर्व डीजीपी गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने अपने फेसबुक पर पोस्‍ट लिखा है कि वे शुभचिंतकों के फोन से परेशान हैं। वे उनकी चिंता और परेशानी भी समझते हैं। उन्‍होंने लिखा है, ”सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। गुप्‍तेशवर पांडेय ने शुभचिंतकों से धीरज रखने और मुझे फोन नहीं करने का आग्रह किया है। उन्‍होंने आगे लिखा है कि उनका जीवन बिहार की जनता को समर्पित है। आगे अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को प्रणाम करते हुए लिखा है कि उनके चाहने वाले अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।

गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने इसके बाद गुरुवार को यह भी कहा मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार किसी को ठगते नहीं हैं। राजनीति की मजबूरियां होती हैं। आगे पार्टी जो काम देगी, वे करेंगे। उन्‍होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि आप जो सोचते हैैं वैसा नहीं हो पाता है। राजनीति की कई मजबूरियां होती हैं। हो सकता है टिकट का मामला प्रभावित होता हो। पर टिकट नहीं मिलने के बावजूद वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए के सिपाही हैं।

11 साल पहले भी की थी राजनीति में एंट्री की कोशिश

विदित हो कि गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने इसके 11 साल पहले 2009 में भी राजनीति में एंट्री की कोशिश की थी। तब आइजी रहते हुए उन्होंने वीआरएस लिया था। वे बक्‍सर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उस समय भी उन्‍हें टिकट नहीं मिला था। इसके बाद उन्होंने अपना वीआरएस वापस ले लिया था। इस बार भी उनके जेडीयू या भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बक्सर सीट से चुनाव लड़ने की संभावना तब खत्‍म हो गई, जब बीजेपी ने वहां से परशुराम चतुर्वेदी के प्रत्‍याशी होने की घोषणा कर दी। हालांकि, अब उनके वाल्‍मीकिनगर से लोकसभा उपचुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।