Bihar Election 2020 :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपसी एकता पर दिया जोर,17वीं विधानसभा चुनाव की राह आसान बनाने में जुटे

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गत तीन दिनों में दो कार्यक्रमों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अलग-अलग संदेश दिए। पहले कार्यक्रम में पीएम का जोर राजग में आपसी एकता के प्रदर्शन पर था। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों की जमकर सराहना की थी, जबकि रविवार के कार्यक्रम में बिहार के लिए 901 करोड़ की योजनाओं की सौगातों के जरिए अलग-अलग वर्गों को साधने पर फोकस दिखा।

अब तक बिहार को दिया 12 सौ करोड़ रुपये का तोहफा

चुनाव की आचार संहिता से पहले प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए खजाना खोल दिया है। अभी तक बिहार को करीब 12 सौ करोड़ का तोहफा दिया जा चुका है। अगले चार और कार्यक्रमों में 15 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं की सौगात मिलने वाली है। रविवार को प्रधानमंत्री ने एलपीजी व सीएनजी परियोजनाओं के जरिए हर वर्ग के मतदाताओं को साधने का संदेश दिया। सीएनजी के जरिए जहां अगड़े वर्ग और युवाओं को साधा, वहीं, उज्ज्वला योजना के जरिए कमजोर, अति पिछड़े और अनुसूचित जाति के बीच एलपीजी सिलिंडर की पहुंच सुनिश्चित कराने का संदेश दिया।

17वीं विधानसभा चुनाव की राह आसान बनाने में जुटे

प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा खुद योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे यानी ‘वन टू वन’ संवाद करना बिहार की राजनीति में नया संकेत है। आगे 15, 18, 21 और 23 सितंबर को प्रधानमंत्री चार और मंत्रालयों से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और शुभारंभ करेंगे। ऐसे में साफ है कि राजग 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास योजनाओं के जरिए 17वीं विधानसभा चुनाव की राह आसान बनाने में जुट गया है।

राजग को पीएम के लोकप्रिय चेहरे पर भरोसा

प्रधानमंत्री सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल आपूर्ति योजना, रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट, रेलवे लाइन, रेलवे ब्रिज, सड़कें और गंगा पर पुल जैसी कई नई सौगातों की बौछार करेंगे। दरअसल, राजग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय और करिश्माई चेहरे पर खासा भरोसा है। ऐसे में चर्चा है कि आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री कोरोना संकट काल में फंसे प्रवासी कामगारों, बाढ़ की समस्या से जूझ रहे लोगों से भी रूबरू होंगे। इससे पहले 10 सितंबर को प्रधानमंत्री 294 करोड़ रुपये से अधिक की मछली पालन और पशुपालन से संबंधित योजनाओं का शुभारंभ के दौरान अलग-अलग जिलों में कई योजनाओं की शुरुआत की थी और कई लोगों से सीधे संवाद किया था।