अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में तब तक सैनिकों को रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाता, भले ही इसके लिए 31 अगस्त के बाद भी वहां सेना मौजूद रहे. बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की थी. काबुल में अमेरिका की तालिबान कमांडरों से बातीत चल रही है.
बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर करीब 4,500 अमेरिकी सैनिक हैं, जो विदेश मंत्रालय के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान के लिए सुरक्षा दे रहे हैं. अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी काबुल में जांच चौकियों और कर्फ्यू को लेकर तालिबानी कमांडरों से बात कर रहे हैं, जिसके कारण कई अमेरिकी और अफगान नागरिक हवाईअड्डे में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. तालिबान के गत सप्ताहांत अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद वहां 15,000 अमेरिकी फंसे हुए थे, पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल बताया कि 24 घंटों में 325 अमेरिकी नागरिकों समेत करीब 2,000 लोग अमेरिकी वायु सेना के सी-17 विमानों की 18 उड़ानों से विदेश रवाना हो गए.
नागरिकों को सुरक्षित निकालने में हर संभव कदम उठाएगा अमेरिका
जो बाइडन ने उन आलोचनाओं का भी जवाब दिया कि अमेरिका को नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और सैनिकों की वापसी के लिए और काम करना चाहिए था. ‘एबीसी न्यूज’ को दिए एक इंटरव्यू में बाइडन ने कहा कि अमेरिका ”समयसीमा खत्म होने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकियों और अमेरिका के सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा.