व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की ओर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों की समीक्षा की मांग, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों सहित कई मुद्दों को लेकर आज भारत बंद बुलाया गया है। देश के कई व्यापारी संगठन, ट्रांसपोर्टर्स ने इस बंद का ऐलान किया है। इस दौरान बाजारों और ट्रांसपोर्ट को बंद रखा जाएगा। बंद सुबह छह बजे से रात के आठ बजे तक जारी रहेगा। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) और संयुक्त किसान मोर्चा ने बंद को अपना समर्थन दिया है। दिल्ली में इस बंद का कोई असर नहीं दिख रहा है जबकि देशभर में इसका मिला-जुला असर नजर आ रहा है।
व्यापारियों के बुलाए गए भारत बंद का दिल्ली में कोई असर नहीं दिख रहा है। दिल्ली के कई बड़े बाजार शुक्रवार सुबह भी सामान्य तरीके से खुले। ऐसे में राजधानी में बंद का कोई असर नहीं दिखा है। वहीं खान मार्केट, लाजपत नगर, करोल बाग, चांदनी चौक सहित अन्य कई मार्केट्स ने बंद का विरोध किया और न होने का फैसला किया।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के बयान में कहा गया है कि पिछले चार साल में जीएसटी में करीब 950 संशोधन हो चुके हैं। जीएसटी पोर्टल में लगातार तकनीकी गड़बड़ी और अनुपालन दबाव इस सिस्टम की खामियों में शामिल हैं। जीएसटी सिस्टम की सफलता के लिए स्वैच्छिक अनुपालन सबसे अहम है, क्योंकि इससे अधिक-से-अधिक लोग अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से जुड़ेंगे। इससे टैक्स बेस बढ़ेगा और रेवेन्यू में इजाफा होगा।
ईंधन की कीमतों में वृद्धि और नए ई-वे बिल और जीएसटी के विरोध में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भारत बंद का आह्वान किया है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम का दृश्य।