दो बैंकों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के पहले दिन सोमवार को देशभर में मिलाजुला असर दिखा। हड़ताल में 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी शामिल हुए।
भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचालम ने बताया कि हड़ताल से देशभर में करीब 2 करोड़ चेक का क्लीयरेंस नहीं हो सका। इसमें कुल 16,500 करोड़ की राशि फंसी है। इसके अलावा नकद निकासी, जमा व कारोबारी लेनदेन पर भी असर पड़ा है। बैंक कर्मचारी मंगलवार को भी हड़ताल पर रहेंगे।
हड़ताल से अकेले यूपी में 30 हजार करोड़ का लेनदेन ठप रहा। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्पलॉइज के प्रदेश महामंत्री केके सिंह ने बताया कि 45 ग्रामीण बैंकों के एक लाख बैंककर्मी भी हड़ताल में शामिल हैं।
सरकार की नीतियां अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रही हैं। चुनावों में भी इसका असर दिखेगा। शीर्ष अधिकारियों को छोड़कर सभी लोग हड़ताल में शामिल हुए।