भारत के पूर्व प्रधानमंत्री की 97वीं जयंती आज, राष्ट्रपति कोविंद-पीएम मोदी ने स्मृति स्थल पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अटल स्थल पर चंद्रवीर नामक दिव्यांग से मुलाकात की है. बता दें चंद्रवीर एनडीएमसी स्कूल में टीचर हैं. मुलाकात के दौरान चंद्रवीर, प्रधानमंत्री से खड़े होकर मुलाकात करना चाहते थे. प्रधानमंत्री ने चंद्रवीर से बातचीत के दौरान कहा, यदि आप खड़ा होना चाहते हैं तो उसके लिए चुनाव में खड़ा होना पड़ेगा. चंद्रवीर न इसके जवाब में कहा, जब आप खड़े होते हैं तो पूरा देश खड़ा होता है.

मीडिया से बातचीत के दौरान चंद्रवीर ने बताया कि दिव्यांगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत कुछ किया है.चंद्रवीर ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भी उनकी लखनऊ में एक बार मुलाकात हुई थी. वाजपेयी जी ने भीड़ में आकर उन्हें पहचाना और उनसे मुलाकात की.वहीं पीएम मोदी वाजपेयी की समाधि ‘सदैव अटल’ पहुंचे. यहां उन्होंने पूर्व पीएम को पुष्प अर्पित किए.

वाजपेयी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि दी
पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और हरदीप सिंह पुरी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर सदैव अटल समाधि स्थल पर उन्हें पुष्पांजलि दी.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘आदरणीय अटल जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन. अटल जी को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं. हम राष्ट्र के लिए उनकी समृद्ध सेवा से प्रेरित हैं. उन्होंने भारत को मजबूत और विकसित बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. उनकी विकास पहल ने लाखों भारतीयों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है.’

पार्टी का मुख्य चेहरा बनकर उभरे
बता दें, वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को हुआ था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कामयाबी के शिखर पर ले जाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. नब्बे के दशक में वह पार्टी का मुख्य चेहरा बनकर उभरे और केंद्र में पहली बार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनी. प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश में उदारीकरण को बढ़ावा मिला और बुनियादी ढांचे तथा विकास को गति मिली.तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने 1995 के मुंबई सार्वजनिक तौर पर यह ऐलान कर दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी ही बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. तब कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ था. तभी अटल बिहारी वाजपेयी ने तुरंत आडवाणी से पूछा यह आपने क्या कर दिया? मुझसे पूछ तो लिया होता. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी को जवाब देते हुए आडवाणी ने कहा पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते अधिकार रखता हूं.