जम्मू-कश्मीर में हालात सुधरे लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का खतरा बरकरार: सेना प्रमुख

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    सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा हालात में निसंदेह काफी सुधार है लेकिन अभी भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद खतरा बना हुआ है।

    विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबिनार में जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के सभी प्रारूपों का समर्थन करने की अपनी रणनीति को लेकर प्रतिबद्ध है क्योंकि उसकी सरजमीं से अभी भी आतंकी लॉन्चपैड संचालित हो रहे हैं और नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकवादी सीमा पार करने की मौके की ताक में बैठे हैं।

    उन्होंने विश्वास जताया कि पाकिस्तान से लगातार संपर्क के चलते कुछ आपसी समझदारी बन सकती है क्योंकि सीमाओं पर हिंसा और अस्थिर सीमाएं किसी की भी मदद नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने सीमाओं पर हमेशा से शांति चाहते हैं, चाहे ये पश्चिमी मोर्चा हो या उत्तरी या फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा। या फिर भारत-म्यांमार सीमा। हम हमेशा से शांति के इच्छुक रहे हैं और हमारी भूमिका यह सुनिश्चित करने की है कि इससे बाकी देश विकास कर सके।

    घाटी में आतंकवाद पर उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में हमेशा से घुसपैठ कम होती है क्योंकि बर्फबारी काफी होती है और रास्ते बंद होते हैं। सर्दी खत्म होने पर रास्ते खुल जाते हैं और सीमा पार से आतंकी घुसपैठ की कोशिशें भी बढ़ जाती हैं लेकिन सेना हमेशा से इससे निपटने के लिए तैयार रहती है।

    हालांकि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा हालात में काफी सुधार हुआ है। वह यह बात केवल भावनाओं के आधार पर नहीं कह रहे हैं बल्कि कई पैरामीटर के मद्देनजर यह कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी वारदातों में कमी आई है।

    इसी के चलते एलओसी पार से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ गई हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी और आईईडी विस्फोट की वारदातें भी न के बराबर हुई हैं। हालांकि पाकिस्तान और आतंकवाद का एंगल अभी भी खतरा बना हुआ है।