एंटनी ब्लिंकन: यदि ईरान परमाणु संधि को माने तो अमेरिका भी होगा शामिल

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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि यदि ईरान परमाणु समझौते का पूरी तरह से पालन करता है तो अमेरिका इस समझौते में फिर से शामिल होने के लिए तैयार है और इसके लिए बातचीत शुरू कर सकता है।

‘संयुक्त व्यापक कार्य योजना’ (जेसीपीओए) या ईरान परमाणु समझौते को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि माना जाता है। लेकिन पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था।

एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ईरान के संबंध में, राष्ट्रपति जो बाइडन का बेहद स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर ईरान जेसीपीओए के तहत अपने सभी दायित्वों का फिर से पूर्ण पालन करता है, तो अमेरिका भी ऐसा ही करेगा और फिर हम अपने सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ संबंध बढ़ाने के लिए उस मंच का इस्तेमाल करेंगे। लेकिन अभी हम उससे काफी दूर हैं और ईरान कई मोर्चों पर उसका पालन नहीं कर रहा है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-चीन रिश्ते निश्चित ही बेहद अहम हैं और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर दोनों देश साथ मिलकर काम कर सकते हैं। विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद ब्लिंकन ने कहा, इस रिश्ते के कुछ विरोधाभासी पहलू भी हैं।

एक तरफ यह प्रतिस्पर्धी हैं तो दूसरी तरफ यह सहयोगात्मक भी है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर दोनों के रिश्ते सहयोगात्मक हैं जहां मिलकर काम करना दोनों देशों के परस्पर हित में है। ब्लिंकन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि हम इसे आगे बढ़ा पाएंगे। 

एंटनी ब्लिंकन ने रूस में मानवाधिकारों की स्थिति और विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, यह बात भी बार-बार मेरे जेहन में आती रहती है कि रूस की सरकार एक आदमी, नवलनी से कितनी डरी एवं भयभीत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इन सभी मामलों पर गौर कर रहा है और यह चिंता का विषय है। नवलनी को ‘नर्व एजेंट’ (जहर) दिए जाने का मामला भी चिंताजनक है।