बृहस्पतिवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर अपना एजेंडा साफ कर दिया। वहां के नेता व दल भले अनुच्छेद 370 के खत्म प्रावधान बहाल करने की मांग करते रहे, लेकिन बैठक के बाद सरकार ने स्पष्ट कह दिया कि वह राज्य के संपूर्ण विकास के लिए वचनबद्ध है। पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में परिसीमन व चुनाव जरूरी हैं।
गृहमंत्री शाह ने ट्वीट कर यह कहा-
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक के बाद ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। सभी ने लोकतंत्र व संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की। राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत करने पर जोर दिया गया।
पीछे मुड़ने का सवाल नहीं
गृहमंत्री के ट्वीट के साथ ही स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर आगे बढ़ रही है, पीछे मुड़ने का तो सवाल ही नहीं है। यानी केंद्र पहले वहां परिसीमन का कार्य करेगा। इससे राज्य के चुनाव क्षेत्रों का पुनर्गठन होगा। इसमें विधानसभा व संसदीय क्षेत्रों में आमूल चूल बदलाव हो सकते हैं। इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव कर नई विधानसभा का गठन होगा।
बता दें, 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दिल्ली व पुड्डचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। इन दोनों राज्यों की अपनी विधानसभाएं हैं। इसी तर्ज पर वहां नए सिरे से विधानसभा गठित होगी।
महबूबा व उमर ने की अनुच्छेद 370 बहाली की मांग
सर्वदलीय बैठक में और उसके बाद मीडिया से चर्चा में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग की है। वहीं नेकां नेता व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने पीएम मोदी के सामने अनुच्छेद 370 पर हुए फैसले को लेकर निराशा जाहिर की। हमने कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अदालत के जरिए अनुच्छेद 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लडेंगे। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा दिया जाए।