उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है. यूपी में चुनाव के चरण की शुरुआत पश्चिमी यूपी से होगी और यह पूर्वांचल की ओर बढ़ेगा. पश्चिम यूपी में जाट वोटों पर बीजेपी की निगाह है. इसी को देखते हुए बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह जाट नेताओं से मिले. गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर पहुंचे और यहां 253 जाट नेताओं से मिलेंगे. गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित इस बैठक को ‘‘सामाजिक भाईचारा बैठक’’ का नाम दिया गया.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कई छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रखे है. सपा और आरएलडी गठबंधन का दावा है कि जाट वोट बैंक बीजेपी के साथ नहीं जाएगा. क्योंकि जाट ज्यादातर किसान हैं और केंद्र के तीन कृषि कानूनों के कारण उन्हें लंबे समय तक प्रदर्शन करना पड़ा है. भले ही केंद्र ने कृषि कानूनों को खत्म कर दिया, लेकिन अभी भी बीजेपी से नाराज है. इसी के साथ गठबंधन का यह भी मानना है कि 2013 में जाट और मुस्लिमों के बीच मुजफ्फरनगर में हुए दंगे से बीजेपी को फायदा हुआ है, लेकिन अब इन दूरियों की खाई पट गई है.
बैठक से पहले संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि चुनाव से पहले इस प्रकार की बैठकें होती रहती हैं और क्योंकि कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी बैठक करना संभव नहीं था, इसलिए इसे दिल्ली में आयोजित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव है तो मकसद चुनाव ही है. अमित शाह सबसे मिलेंगे. जाट नेता अपनी बात रखेंगे और फिर अमित शाह अपनी बात करेंगे. पहले भी हमें वोट मिला, उम्मीद करता हूं कि इस बार भी मिलेगा. कोई भी नहीं चाहता कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनें. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई भी अखिलेश यादव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.’’
बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 से अधिक प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेताओं के अलावा भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह भी शामिल हुए.