अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने UN में कहा- ‘निर्णय लेने की प्रक्रिया से महिलाओं को बाहर रखना लोकतंत्र में खामी इशारा’

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में कहा कि लोकतंत्र का स्तर मूल रूप से महिलाओं के सशक्तीकरण पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया से महिलाओं को बाहर रखना इस तरफ इशारा करता है कि लोकतंत्र में खामी है। उन्होंने कह महिलाओं को भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने विश्व में लोकतंत्र और आजादी में गिरावट पर जताई चिंता
हैरिस ने महिलाओं के स्तर पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के 65वें सत्र में अपने संबोधन में दुनियाभर में लोकतंत्र और आजादी में गिरावट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि आज लोकतंत्र पर दबाव बढ़ रहा है।

हमने देखा है कि 15 वर्षों में दुनियाभर में आजादी में कमी आई है। यहां तक कि विशेषज्ञों का मानना है कि बीता साल विश्व भर में लोकतंत्र और आजादी की बिगड़ती स्थिति के लिहाज से सबसे बुरा था।

हैरिस ने कहा, कोविड-19 ने दुनियाभर में आर्थिक सुरक्षा, शारीरिक सुरक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है। यूएन के सदस्य देश, सहयोगी संस्थाएं और गैर सरकारी संगठन 15 से 26 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में वर्चुअल तरीके से भाग ले रहे हैं। हैरिस ने कहा कि महिलाओं की स्थिति लोकतंत्र की स्थिति है और अमेरिका दोनों को बेहतर बनाने के लिए काम करेगा।