अमेरिका सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन से करेगा मुकाबला, नए विधेयक को दी मंजूरी

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अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने सेमीकंडक्टर उत्पादन व शोध के क्षेत्र में चीन से प्रतिस्पर्धा के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि वह इस पर दस्तखत के लिए तैयार हैं। अमेरिका इंतजार नहीं कर सकता। 

राष्ट्रपति बाइड ने शुक्रवार को नए कानून को मंजूरी देने के लिए अमेरिकी सांसदों की तारीफ की और  कहा कि इससे सेमीकंडक्टर उत्पादन व शोध के क्षेत्र में अमेरिका चीन को टक्कर दे सकेगा। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव ने आज एक महत्वपूर्ण विधेयक पर मतदान किया। इससे आपूर्ति श्रृंखला बढ़ेगी व कीमतें कम होंगी। मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ेगी और इस क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेंगे। इससे 21 वीं सदी में अमेरिका चीन और शेष दुनिया का इस क्षेत्र में मुकाबला करेगा।’

बाइडन ने यह भी कहा कि यह विधेयक पिछले साल बढ़ी अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को और बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। अमेरिका के दोनों दलों के राष्ट्रीय नेताओं ने इसे जरूरी बताया था। विश्व स्तर पर अमेरिका की प्रतिस्पर्धा को धार देने के लिए भी यह आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने अपील की कि यदि सदन के रिपब्लिक सांसद देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहते हैं और चीन से प्रतिस्पर्धा चाहते हैं तो उन्हें इस विधेयक के समर्थन के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सीनेट भी इसे जल्दी से मंजूरी दे ताकि वह इस पर तुरंत दस्तखत कर सकें। अमेरिकी इंतजार नहीं कर सकता। 

इस कानून को मंजूरी मिलने से अमेरिकी उद्यमी सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन बढ़ा सकेंगे और इसकी आपूर्ति श्रृंखला की खामियां दूर कर देश की आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान कर सकेंगे। इसमें कानून में ऊर्जा, बैंकिंग, अंतरिक्ष और रक्षा जैसे क्षेत्रों में ईरान और रूस के साथ चीन के सहयोग की बीते छह महीने की समीक्षा और दुनिया भर में चीन के संबंधों और प्रभावों के आकलन का भी प्रावधान है। 

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अभी चीन का दबदबा हो गया है। अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में चीन की चीन की बहुराष्ट्रीय कंपनी हुवावे को सेमीकंडक्टर्स की माइक्रोचिप बनाने के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति रोक दी थी। अब बाइडन प्रशासन ने चीन को इस मामले में पछाड़ने की रणनीतिक व औद्योगिक पहल की है। दुनियाभर में चीन की आपूर्ति रोकने के संबंध में अमेरिका, जापान और नीदरलैंड्स के बीच समझौता हुआ है। ये तीनों देश ही सेमीकंडक्टर्स बनाने के लिए आवश्यक मशीनों का निर्माण करते हैं।