डॉ. गुलेरिया ने कहा- स्टेरॉयड के गलत इस्तेमाल से बढ़ रहा है ब्लैक फंगस का खतरा

520

एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने अपनी बात को थोड़ा विस्तार से समझाते हुए कहा कि म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के बीजाणु मिट्टी, हवा और यहां तक कि भोजन में भी पाए जाते हैं। लेकिन, ये कमजोर होते हैं और आम तौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड से पहले इस संक्रमण के बहुत कम मामले थे। लेकिन, अब कोविड के कारण इसके मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। 

ब्लैक फंगस का सबसे बड़ा कारण स्टेरॉयड
एम्स निदेशक ने कहा कि ब्लैक फंगस चेहरे, नाक, आंख की ऑर्बिट या दिमाग को प्रभावित कर सकता है, जिससे देखने की क्षमता भी जा सकती है। यह फेफड़ों तक भी फैल सकता है। स्टेरॉयड्स का गलत इस्तेमाल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है। डायबिटीज व कोरोना से पीड़ित और स्टेरॉयड लेने वालों में इससे संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है।

कई राज्यों में मिले 500 से भी ज्यादा मामले
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि वर्तमान में इस फंगल संक्रमण (म्यूकरमाइकोसिस) से पीड़ित 23 मरीजों का एम्स में इलाज चल रहा है। इनमें से 20 मरीज अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और बाकी लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों में म्यूकरमाइकोसिस के 500 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।