AIIMS प्रमुख और चिकित्‍सा जगत के दिग्‍गजों ने कोरोना संकट पर दूर किए संदेह, बोलें- “घबराने की जरूरत नहीं”; महामारी पर काबू पाने के लिए दिए जरुरी सुझाव, जानें देश के टॉप 4 डॉक्टर्स की राय

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    देश में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमण के नए मामलों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। देश के कई अस्‍पताल ऑक्‍सीजन और रेमडिसिविर जैसी दवाओं की किल्‍लत का सामना कर रहे हैं। अस्‍पतालों पर मरीजों के तीमारदारों की अफरातफरी को देखते हुए देश के चिकित्‍सा विशेषज्ञों ने रविवार को लोगों को संक्रमित मरीज के इलाज को लेकर जरूरी सुझाव दिए।

    एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति में जनता में पैनिक है। लोगों ने घर में इंजेक्शन, सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं जिससे इनकी कमी हो रही है। कोरोना अब एक आम संक्रमण हो गया है। 85-90 फीसद लोगों में ये आम बुखार, जुकाम होता है। इसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है।

    इन मरीजों को रेमडेसिविर की जरूरत नहींं

    डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आगे कहा कि जो मरीज घर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से ज़्यादा है उनको रेमडेसिविर की कोई जरूरत नहीं है। यदि ऐसी स्थिति में आप रेमडेसिविर दवा लेते हैं तो उससे आपको ज़्यादा नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में रेमडेसिविर लेने से फायदा कम नुकसान ज्‍यादा होगा।

    तुरंत लें डॉक्‍टर की सलाह

    मेदांता अस्‍पताल के डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि जैसे ही आपकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। मेरी सलाह होगी कि आप अपने स्थानीय डॉक्टर से कंसल्‍ट करें जिसके साथ आप संपर्क में हैं। सभी डॉक्टर विविड प्रोटोकॉल और इसके उपचार के बारे में जानते हैं। इसी के अनुसार आपका इलाज शुरू करेंगे। समय पर सही दवा दी जाए तो 90 फीसद मरीज घर पर ठीक हो सकते हैं।

    पांच से सात दिन में काबू में होंगे हालात

    डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि हमारे स्टील प्लांट की ऑक्सीजन की बहुत क्षमता है लेकिन उनको ट्रांसपोर्ट करने के लिए क्रायो टैंक की जरूरत होती है जिसकी तादाद इतनी नहीं थी। हालांकि केंद्र सरकार ने इसका आयात किया है। उम्मीद है कि आने-वाले पांच से सात दिन में स्थिति काबू में आ जाएगी।

    दूसरी लहर के लिए नहीं थे तैयार

    स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि साल 2020 में नए वायरसों का हमला हुआ जिसके लिए हम तैयार नहीं थे। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार ने अपना कर्तव्य जिम्मेदारी से निभाया और कोविड जांच की क्षमता को बढ़ाया। हमें अपनी सरकार पर यकीन होना चाहिए जो डॉक्टरों, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों के सुझावों के साथ ठोस और वैज्ञानिक कदम उठाती है।

    व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर नहीं दें ध्‍यान

    डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि महत्‍वपूर्ण बात यह कि केवल चुनिंदा समाचार चैनल देखें। एक व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी चल रही है। इस पर ध्यान न दें। देश के जिम्मेदार नागरिक के व्यवहार का पालन करें। इस व्यवहार का आपको, डॉक्टरों, समाज के अन्‍य वर्गों के साथ-साथ मीडिया को भी पालन करना होगा।

    डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि इस साल संक्रमण के फैलने के दो मुख्य कारण हैं। एक तो हम कोविड उपयुक्त व्यवहार को भूल गए और दूसरा हमने वैक्सीन को अपनाया नहीं। वैक्सीन संक्रमण की चेन को तोड़ेगी।

    दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 30 फीसद

    एम्स के एचओडी ऑफ मेडिसिन डॉ. नवनीत ने कहा कि दिल्ली में आज पॉजिटिविटी रेट 30 फीसद है। मुंबई में एक दिन 26 फीसद था और मुंबई में कड़े प्रतिबंध लगाए गए तो पॉजिटिविटी रेट 14 फीसद हो गया है। कोरोना संक्रमितों की संख्‍या को कम करने के लिए हमें कड़े प्रतिबंध लगाने ही पड़ेंगे।

    स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमले ठीक नहीं

    डॉ. नवीत विग ने कहा कि यदि हम बीमारी को हराना चाहते हैं तो हमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डॉक्‍टरों को बचाना होगा। मौजूदा वक्‍त में इनमें से कई खुद कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। यदि हम स्वास्थ्य कर्मचारियों को बचाएंगे तो वे भी रोगियों को बचाने में सक्षम होंगे। मौजूदा वक्‍त में हमें लोगों के साथ साथ चिकित्‍या कर्मियों को भी बचाना होगा तभी हम अर्थव्यवस्था को बचा पाएंगे। यह दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।