मोदी सरकार की विनिवेश नीति के खिलाफ बैंक यूनियन का हल्लाबोल, 15 और 16 मार्च को हड़ताल का ऐलान

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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का फैसला किया है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियं का दावा है कि इस हड़ताल में देश के 9 बैंक यूनियन में शामिल होंगी जिसका असर पूरे देश पर पड़ेगा. निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियं ने हड़ताल का ऐलान किया है.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियं के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक एंप्लॉयीज ऑफ इंडिया, भारतीय राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी महासंघ, भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस, नेशनल बैंक ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स शामिल हैं.

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी एच वेंकटचलम के मुताबिक केंद्र सरकार ने बजट में आईडीबीआई  बैंक के निजीकरण, एलआईसी में विनिवेश, एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण, 74 फीसदी तक बीमा क्षेत्र में एफडीआई पर मुहर और पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों के निजीकरण का ऐलान किया है, जो कि बैंक कर्मचारियों के हित में नहीं है. अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की नौकरी पर भी दिक्कत आ सकती है

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था हालांकि वो 2 कौन से बैंक होंगे इसका खुलासा अभी सरकार की तरफ से नहीं किया गया है लेकिन इससे पहले ही विरोध शुरू हो गया है. बैंक यूनियन का मानना है कि सरकार ने विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए जो नीति बनाई है वो सही नहीं है. सरकारी बैंकों का निजीकरण करने से ग्राहकों की दिक्कत काफी बढ़ जाएगी.

आपको बता दें कि मोदी सरकार विनिवेश पर पूरा जोर लगा रही है. वित्त मंत्री ने ऐलान कर दिया है कि 2021-22 में सरकार विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये की कमाई करना चाहती है. माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष में सरकार एलआईसी, बीपीसीएल और एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेच सकती है.पिछले साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन ने विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य तय किया था लेकिन कोरोना की वजह से मोदी सरकार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए कमाई के तय लक्ष्य को अभी तक हासिल नहीं कर पाई है.