तालिबान राज में धमाकों से लगातार दहल रहा अफगानिस्तान, अलग-अलग हमलों में 35 लोगों की मौत

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अफगानिस्तान (Afghanistan) में तलिबान (Taliban) के आने के बाद से हिंसा जारी है. यहां बीते हफ्ते 35 के करीब लोगों की हत्या हुई है. इस बात की जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी है. पझवोक अफगान न्यूज के अनुसार, इन आंकड़ों में उन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, जिनकी मौत प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) की वजह से हुई है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने हेरात शहर में एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी. जिनमें तीन बच्चे भी शामिल है.

बगलान प्रांत की राजधानी पुल-ए-खुमरी में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी, जहां से उसका शव बरामद किया गया है. रिपोर्ट्स से पता चला है कि तिरिंको में मोर्टार हमले के कारण विस्फोट होने से चार लोग घायल हो गए हैं. इस तरह के हमलों में गजनी प्रांत में तीन लोगों की मौत हो गई है, इसमें एक शख्स भी घायल हुआ है. इसके अलावा हेलमंद मरजा जिले में मोर्टार हमले में सात लोगों की मौत हो गई है.

बम धमाके में लोगों की मौत
देश की राजधानी काबुल के दस्त-ए-बार्ची इलाके में बीते हफ्ते एक बच्ची का शव मिला था. बघदीस प्रांत की राजधानी कला-ए-नौ में एक महिला ने आत्महत्या कर ली. इसके अलावा घोर प्रांत के पसाबंद जिले में दो लोगों की मौत हो गई और फैजाबाद में बम धमाके की चपेट में आकर दो अन्य लोगों ने अपनी जान गंवाई. कांधार प्रांत के पंजवाई जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो शिक्षक और दो छात्र घायल हो गए. इसके अलावा काबुल शहर के बराकी स्क्वायर में निजी विवाद में एक सुरक्षा अधिकारी ने दो लोगों की हत्या कर दी.

खुफिया अधिकारी ने की हत्या
बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में खुफिया अधिकारी ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी, क्योंकि उसने चेकपॉइंट पर रुकने से इनकार कर दिया था. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सर-ए-पौल प्रांत के संचारक जिले में एक मनी चेंजर की भी इसी तरह हत्या की गई. अफगान मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पिछले हफ्ते कम से कम 9 लोगों की मौत हुई है और 24 अन्य घायल हुए हैं. बता दें अफगानिस्तान की सत्ता पर बीते साल तालिबान ने कब्जा कर लिया था. जिसके बाद पश्चिम समर्थित सरकार गिर गई. तभी से यहां इस्लामिक स्टेट और तालिबान की हिंसा में आम नागरिकों की मौत हो रही है. देश में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है.