सामाजित कार्यकर्ता और कवि वरवरा राव जो भीमा कोरेगांव मामले में हिंसा के आरोपों में जेल में बंद थे उनको बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनको ज़मानत दे दी है. पहले से मिली अंतरिम जमानत को उच्च न्यायायलय ने नियमित किया. इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने 83 साल के राव की याचिका ठुकरा दी थी.
इस दौरान राव ट्रायल कोर्ट के उस क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे जहां मामला लंबित है और वह अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। अदालत ने उन्हें गवाहों के संपर्क में आने या मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने से आगे रोक दिया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जमानत पूरी तरह से मेडिकल आधार पर मुहैया कराई गई थी और उसकी 82 साल से अधिक की उन्नत उम्र को देखते हुए दी गई थी। कोर्ट ने उन्हें एनआईए को अपने मेडिकल ट्रीटमेंट की सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया।