भारत सहित दुनिया के तमाम हिस्सों में ओमिक्रॉन तेज रफ्तार से बढ़ता जा रहा है.विश्व स्वास्थ्य संघठन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूके, यूएस में ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है. वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका, जिस देश ने पहली बार 24 नवंबर को वेरिएंट का पता लगाया था, वहां ओमिक्रॉन मामलों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संघठन जारी किये ये 7 अलर्टस:
1. जिनेवा में एक अपडेट के दौरान डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा, ओमिक्रॉन उस दर से फैल रहा है जिसे हमने किसी पिछले वैरिएंट के साथ नहीं देखा है.
2.वैज्ञानिकों ने एक हालिया रिपोर्ट में बताया कि संक्रमण के केवल 24 घंटे बाद, डेल्टा और मूल सार्स-सीओवी-2 वायरस की तुलना में ओमिक्रॉन लगभग 70 गुना अधिक तेजी से शरीर में फैलने लगता है.
3.इस बीच ओमिक्रॉन पर मौजूदा वैक्सीनों की प्रभाविकता को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम ने बड़ी जानकारी साझा की है. रूस के गमालेया केंद्र द्वारा किए गए एक प्रारंभिक प्रयोगशाला अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि स्पुतनिक वी वैक्सीन और एक-शॉट वाला स्पुतनिक लाइट बूस्टर डोज इस वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा प्रभावी हो सकता है.
4.यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि डेल्टा संस्करण की तुलना में ओमिक्रॉन के लिए अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम है.
5.प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ओमिक्रॉन संस्करण को बेअसर करने में कम सक्षम हो सकते हैं.
6.रिसर्च में बताया गया है कि जो लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित थे, विशेष रूप से वे लोग जिन्हें वैक्सीन लगा चुकी थी, उनमें कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के लिए इम्यूनिटी बढ़ गई थी.
7. डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को लेकर कहा है कि यह वायरस पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुके लोगों में भी फैलने में सक्षम है.