6 माह से बंद सिटी बसें भी अब दौड़ेंगी, उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से बस संचालन को मिली मंजूरी

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उत्तराखंड के परिवहन व्यवसायियों के लिए बड़ी ख़बर है. वह ख़बर जिसका उन्हें लंबे समय से इंतज़ार था. प्रदेश सरकार ने बसों समेत सार्वजनिक परिवहन के वाहनों से, 50% क्षमता के साथ संचालन, की शर्त हटा दी है. इस शर्त की वजह से वाहन चालकों के लिए गाड़ी चलाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं हो रहा था और ज़्यादातर ने गाड़ियां खड़ी ही की हुई थीं. इसके साथ ही अन्य राज्यों से बसों के संचालन को भी मंज़ूरी दे दी गई है. सार्वजनिक परिवहन की नई एसओपी में यह दोनों मुख्य बातें कही गई हैं.

शासन की तरफ से आज एसओपी जारी करते हुए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सार्वजनिक परिवहन के संचालन के नए नियमों को स्पष्ट कर दिया. शासन ने दूसरे राज्यों के साथ समन्वय बैठाकर बस सेवा शुरु करने को मंज़ूरी दे दी. हालांकि बस से सफ़र करने वाले हर यात्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराना ज़रूरी होगा. पहले फेज में 100-100 बसों को संचालन को मंज़ूरी दी गई है.

बड़ी बात यह है कि बसों समेत सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में 50% सवारी बैठाने की बाध्यता खत्म कर दी गई है. बस, टैक्सी, मैक्स, ई-रिक्शा में सीट क्षमता के बराबर सवारी बैठाने की परमिशन दे दी गई है लेकिन कोई भी स्टैंडिंग सवारी नहीं ले जा सकेगा.
बस के सफ़र शुरू करने से पहले और बाद में गाड़ी को सैनेटाइज़ करना होगा. बस के मेन गेट, गियर लीवर, सीट, रेलिंग, स्टेयरिंग, हैंडल को सैनेटाइज़ करना ज़रूरी होगा. बिना मास्क के कोई भी यात्री बस में सफ़र नहीं कर पाएगा. साथ ही सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा.

एसओपी में यह भी साफ़ किया गया है कि थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही  बस में लोगों को चढ़ाया जाएगा. यात्रा के दौरान थूकने, पान मसाला खाने पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा किसी भी सूरत में तय मानक के अनुरूप ही किराया लिया जाएगा.