एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये के भुगतान से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने 25,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी
वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल की ओर से फंड जुटाने की यह मंजूरी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही दिन बाद दी गई है. शीर्ष अदालत ने टेलीकॉम कंपनियों को एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाये के 10 प्रतिशत का भुगतान इसी वित्त वर्ष में करने का निर्देश दिया है.
कंपनियों को एजीआर के शेष बकाये का भुगतान अगले दस साल के दौरान 10 किस्तों में करना होगा, जिसकी शुरुआत अगले वित्त वर्ष से होगी. वोडाफोन आइडिया पर एजीआर का कुल बकाया 58,000 करोड़ रुपये से अधिक है. कंपनी इसमें से 7,854 करोड़ रुपये दूरसंचार विभाग को अदा कर चुकी है
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि यह राशि इक्विटी और लोन के रूप में जुटाई जाएगी. कंपनी अधिकतम 25,000 करोड़ रुपये जुटाएगी. वोडाफोन आइडिया ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (जीडीआर), अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी), डिबेंचर और वारंट जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है. कंपनी यह राशि जुटाने के लिए शेयरधारकों और अन्य से आवश्यक मंजूरियां लेगी.
वोडाफोन आइडिया की ओर से कहा गया, ‘‘कुल 15,000 करोड़ रुपये के गारंटी और बिना गारंटी वाले गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) एक या अधिक किस्तों में सार्वजनिक पेशकश या निजी नियोजन के आधार पर जारी किए जा सकते हैं.’’ शेयरधारकों की 30 सितंबर को प्रस्तावित वार्षिक आमसभा में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा.