संसद सत्र के दौरान प्रश्नकाल कैंसिल किए जाने पर बवाल, पृथ्वीराज चव्हाण बोले- विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देना चाहते PM मोदी

603

संसद सत्र को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने आगामी संसद सत्र के दौरान प्रश्नकाल कैंसिल किए जाने पर सवाल पूछा है और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जवाब नहीं देना चाहते हैं.

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय संसदीय संघ (आईपीयू) के आंकड़ों के अनुसार, 105 देशों की संसद ने महामारी के दौरान भी सत्र को बुलाया. रूस और भारत की संसद ने ही अभी तक कोई सत्र नहीं बुलाया है, जब से कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किया गया.’

अपने अगले ट्वीट में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘संविधान का अनुच्छेद 85 संसद की अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर बैठक करना अनिवार्य बनाता है. संसद 23 मार्च को बंद हुई थी और इसे 22 सितंबर से पहले बुलाना चाहिए. अनिच्छा से नरेंद्र मोदी ने 16 सितंबर को संसद बुलाई है.’

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘आगामी संसद सत्र में प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिजनेस को पीएम मोदी ने कैंसिल कर दिया है. जबकि कोरोना के कहर के बीच भी यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन हर हफ्ते हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रश्नकाल का सामना करते हैं. पीएम मोदी मोदी, विपक्ष द्वारा कोई जांच नहीं चाहते हैं.’

बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा. इस सत्र के दौरान कोई भी छुट्टी नहीं होगी यानि ब्रेकलेस सेशन होगा. 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक कुल 18 बैठकें होंगी. प्रश्नकाल को कैंसिल कर दिया गया है और बिजनेस प्राइवेट मेंबर बिल के लिए किसी खास दिन का चयन नहीं किया गया है, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है.