बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी अलग रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता देने के न्यायलय के आदेश के खिलाफ एक आदमी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह शिक्षित है, एक महिला को जीविका चलाने के लिए काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ पुणे में पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देने वाले व्यक्ति द्वारा दायर एक पुनरीक्षण आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।